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छह फीसद भूखंड आवंटन में अब नहीं होगी देरी

By Edited By: Published: Tue, 13 Aug 2013 06:59 PM (IST)Updated: Tue, 13 Aug 2013 07:00 PM (IST)

संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : किसानों को छह फीसद आवंटन के लिए अब प्राधिकरण के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। एसीईओ हरीश कुमार वर्मा ने मंगलवार को नियोजन, परियोजना, संपत्ति व भूमि विभाग के साथ बैठक कर आवंटन प्रक्रिया रुकने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि छह फीसद भूखंड किसानों का हक है। समय से इसका आवंटन होना चाहिए, ताकि किसान मुआवजे के पैसे से भूखंड पर स्वरोजगार कर सके। किसानों को समय से भूखंड नहीं मिलेंगे, तो वह रोजगार से वंचित रह जाएंगे।

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किसानों को अर्जित भूमि की एवज में कुल क्षेत्रफल का छह फीसद हिस्सा विकसित क्षेत्र में मिलता है। भूखंड के पचास फीसद हिस्से पर किसान आटा चक्की, डेयरी, दुकान, गेस्ट हाउस, नर्सिग होम, नर्सरी स्कूल, प्ले स्कूल, कोचिंग सेंटर, पोस्ट आफिस व बैंक के लिए किराए पर भवन आदि 14 तरह की कमर्शियल गतिविधि कर सकते हैं। शेष हिस्से पर आवासीय गतिविधि करना अनिवार्य है। इसके लिए किसानों को प्राधिकरण में विकास शुल्क जमा कराकर अनुमति लेनी होती है। पिछले चार-पांच माह से आवंटन प्रक्रिया बंद पड़ी हुई है। किसान भूखंडों के लिए प्राधिकरण के चक्कर लगा रहे हैं। उनका आरोप है कि संबंधित विभागों के प्रबंधक भूखंड आवंटन में रुचि नहीं ले रहे हैं। दैनिक जागरण ने 12 अगस्त के अंक में किसानों की समस्या को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। खबर छपने के बाद मंगलवार को एसीइओ हरीश कुमार वर्मा ने नियोजन, परियोजना, संपत्ति व भूमि विभाग के साथ बैठक कर आवंटन प्रक्रिया की समीक्षा की। उन्होंने भूमि विभाग को निर्देश दिए कि जो किसान मुआवजा उठा चुके हैं, उनके भूखंड का क्षेत्रफल तय कर नियोजन विभाग को जारी किया जाए। नियोजन विभाग फाइल मिलने के बाद एक सप्ताह के अंदर भूखंडों की लोकेशन तय करे। लोकेशन निर्धारित होते ही परियोजना विभाग को एक सप्ताह के अंदर भूखंड का लीज प्लान बनाकर देना होगा। इसके बाद संपत्ति विभाग आवंटन पत्र जारी कर देगा। उन्होंने कहा कि जिस विभाग से भी आवंटन प्रक्रिया में देरी हुई, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

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