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शहीद मनोज की मां ने कहा, 2-4 को मारकर मरा होगा तो ठीक

मुजफ्फरनगर के गरीब परिवार में जन्मे 25 वर्षीय सीआरपीएफ के जवान मनोज कुमार की मां ने भले ही अपना लाल खो दिया है, लेकिन उनको बेटे पर गर्व है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 25 Apr 2017 04:14 PM (IST)Updated: Tue, 25 Apr 2017 04:47 PM (IST)
शहीद मनोज की मां ने कहा, 2-4 को मारकर मरा होगा तो ठीक
शहीद मनोज की मां ने कहा, 2-4 को मारकर मरा होगा तो ठीक

मुजफ्फरनगर (जेएनएन)। छत्तीसगढ़ नक्सली हमले में शहीद मुजफ्फरनगर के गरीब परिवार में जन्मे 25 वर्षीय सीआरपीएफ के जवान मनोज कुमार की मां ने भले ही अपना लाल खो दिया है, लेकिन उनको बेटे पर गर्व है।

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बेटे मनोज की शहादत पर उनकी मां कहती हैं अगर उनका बेटा दो-चार नक्सलियों को मारकर शहीद हुआ होगा तो ठीक है. मैं और क्या कहूं, मेरे घर का तो कमाऊ चला गया। भगवान मुझे भी उठा ले। मनोज की मां रोते हुए कहती हैं कि उन्हें अपने पुत्र पर नाज है उसने देश के लिए अपनी जान दी है. अगर मेरे बेटे ने दो-चार नक्सलियों को मार गिराया होगा तो उसके शहीद होने का मकसद पूरा हो गया।

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शहीद मनोज के परिवारीजन के साथ ग्रामीणों ने मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन और केंद्र सरकार से शहीद के परिवार को आर्थिक सहायता की मांग करते हुए कहा है जब तक सरकार पीडि़त परिवार की सहायता की घोषणा नहीं करेगी। तब तक शहीद के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।

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मुजफ्फरनगर के थाना भोपा क्षेत्र के गांव निरगाजनी निवासी मनोज कुमार के पिता स्वर्गीय करमचंद हरिजन के पांच बेटे और तीन बेटियां हैं। मनोज कुमार ने जनता इंटर कालेज से इंटर की पढ़ाई की और छह वर्ष पहले 2011 में ही वह सीआरपीएफ में भर्ती हुआ था। मनोज की वर्तमान में तैनाती छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में थी।

शहीद मनोज कुमार का एक छोटा भाई उत्तर प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल के पद पर तैनात है।

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कुछ साल पहले ही शहीद के पिता करमचंद की गांव में दबंगों ने हत्या कर दी गई थी। इतना ही नहीं दबंगों ने लाश को साईकिल पर रख कर पूरे गांव में घुमाया था। ग्रामीणों के मुताबिक पिता की मौत के बाद परिवार की जिम्मेदारी मनोज के कंधो पर आ पड़ी थी। मनोज की अभी शादी नहीं हुई थी।

शहीद के छोटे भाई रमेश चंद ने भाई की शहादत पर बोलते हुए कहा कि हमें गर्व है अपने भाई पर। मैं भी अपने भाई की तरह भारतीय सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना चाहता हूं। वहीं शहीद के परिजनों और ग्रामीणों को मनोज की शाहदत पर गर्व है। पूरे गांव में शोक की लहर है।


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