जीएसटी से व्यापारी व उपभोक्ता को होगा फायदा
मुजफ्फरनगर : देश में एक जुलाई से जीएसटी लागू हो रहा है। जीएसटी को लेकर विभिन्न ट्रेड के व्यापारियों
मुजफ्फरनगर : देश में एक जुलाई से जीएसटी लागू हो रहा है। जीएसटी को लेकर विभिन्न ट्रेड के व्यापारियों के मन में कई शंकाएं हैं। व्यापारी दैनिक जागरण की ओर से जीएसटी को लेकर आयोजित 'विचार मंच' में पहुंचे। शुरुआत में जीएसटी को लेकर व्यापारियों की वाणिज्य कर अधिकारियों से काफी गहमागहमी हुई। वाणिज्य कर अधिकारियों पर सवालों की बौछार कर दी, लेकिन अधिकारियों ने तर्क पूर्ण तरीके से व्यापारियों की शंकाओं का समाधान किया, तो मंच के वातावरण में बदलाव आ गया। जीएसटी के फायदे की बातें होने लगीं। व्यापारियों की समझ में आ गया कि जीएसटी से व्यापारी व उपभोक्ता को फायदा होगा।
दैनिक जागरण की ओर से गुरुवार को दोपहर में एक बजे रुड़की रोड स्थित स्वरूप प्लाजा स्थित मिर्च-मसाला रेस्टोरेंट में 'विचार मंच' का आयोजन किया गया। मंच में ज्वैलर्स, कपड़ा, कृषि यंत्र, गुड़, टैक्सी आपरेटर, आटोमोबाइल, ट्रांसपोर्ट, होटल, होजरी, पेपर, सीमेंट, किराना, एफएमसीजी गुड्स, हार्डवेयर, चीनी, दवा, स्टेशनरी व लोहा आदि से संबंधित व्यापारियों ने अपने-अपने सवाल उठाए। वाणिज्यकर विभाग में असिस्टेंट कमिश्नर व जीएसटी प्रभारी डीएस गौतम व असिस्टेंट कमिश्नर केएम मिश्रा, एडवोकेट ललित कुमार, एडवोकेट सुनील गोयल ने व्यापारियों के सवालों का जवाब देते हुए उनकी समस्याओं का समाधान किया। अधिकारियों ने बताया कि अभी तक दुनिया के कई देशों में जीएसटी लागू है। देश में एक कर प्रणाली होने व्यापार में पारदर्शिता आएगी। साथ ही भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा। व्यापारी को सरकारी कार्यालयों में चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। व्यापारी घर बैठे ऑनलाइन काम कर सकेगा।
व्यापारियों की इनवाइस का प्रोफार्मा क्या होगा?
अभी कोई विभागीय प्रोफार्मा निर्धारित नहीं हुआ है। व्यापारी अपने स्तर से प्रोफार्मा तैयार करेगा। इसमें 16 ¨बदु होंगे। इन ¨बदुओं में व्यापारी का नाम, पता, माल का विवरण, माल की वैल्यू व माल जाने का स्थान आदि होंगे।
व्यापारी बचे हुए स्टॉक को कितने समय में बेच सकता है?
व्यापारी जीएसटी लागू होने के छह माह के भीतर बचे हुए करीब एक साल पुराने स्टॉक को बेच सकता है। इसके बाद व्यापारी को आइटीसी यानी इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ नहीं मिलेगा।
ब्रांड व अनब्रांड माल में क्या अंतर होगा?
जो माल रजिस्टर्ड होगा, वह ब्रांड माल होगा और रजिस्टर्ड नहीं होगा वह अनब्रांड होगा।
कम्पोजीशन स्कीम में कितना जीएसटी लगेगा?
कम्पोजीशन स्कीम यानी समाधान योजना में ट्रेडर पर एक प्रतिशत, मैन्यूफैक्चर पर दो प्रतिशत व रेस्टारेंट संचालक पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा। इस स्कीम में माल को दूसरे प्रदेश में नहीं बेचने वालों को ही लाभ मिलेगा।
कृषि यंत्रों व सामान पर जीएसटी लगेगा या नहीं ?
कृषि से संबंधित यंत्रों यानी हाथ से प्रयोग किए जाने वाले व पशुओं के जरिए उपयोग किए जाने वालों यंत्रों पर जीएसटी नहीं लगेगा।
कितने रुपये के व्यापार पर जीएसटी नहीं लगेगा?
20 लाख रुपये तक व्यापार पर जीएसटी नहीं लगेगा।
खुदरा कपड़ा व्यापारी को जीएसटी से नुकसान तो नहीं होगा?
पहले सामान्य कपड़ा मैन्यूफैक्च¨रग पर उत्पाद कर 12 प्रतिशत लगता था, जिसे समाप्त कर जीएसटी में पांच प्रतिशत कर दिया गया है। इससे कपड़ा सस्ता होगा। खुदरा कपड़ा व्यापारी पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उल्टे उसे फायदा ही होगा। बस कपड़ा व्यापारी को टैक्स नहीं देने की आदत में बदलाव करना होगा।
जीएसटी में फ्री-नामांकन कराने के लिए छोटे व्यापारी क्या करें?
फिलहाल विभाग के सिटी सेंटर स्थित कार्यालय में फ्री में नामांकन किया जा रहा है। इसके अलावा क्षेत्र के जन सुविधा केंद्रों पर भी नामांकन कराने की तैयारी है। इसके लिए उच्चाधिकारियों से वार्ता चल रही है।
क्या जीएसटी से ऑनलाइन धोखाधड़ी पर लगाम लगेगी?
ई-कामर्स कंपनियों को भी प्रत्येक राज्य में रजिस्ट्रेशन करना पड़ेगा। इससे ऑनलाइन सामान मंगाने वाले लोगों के साथ धोखा नहीं होगा।
व्यापारी व उपभोक्ता को जीएसटी से फायदा होगा या नहीं?
जीएसटी गुड्स एवं सर्विस के उपभोग पर समान रूप से लगेगा। इससे आम उपभोक्ता को फायदा होगा। अधिकतर वस्तुओं के कर के दायरे में आने से व्यापारी को भी जीएसटी से फायदा ही होगा।
माल की बिक्री का नक्शा कब तक देना होगा?
प्रत्येक माह माल की बिक्री का नक्शा अगले माह की दस से 20 तारीख के बीच देना होगा।
Þजीएसटी विश्वस्तरीय कर प्रणाली है। जीएसटी से देश में विकास होगा। बस जीएसटी में शारीरिक दंड के बजाए आर्थिक दंड का ही प्रावधान होना चाहिए। इसके अलावा सरकार को अपील करने के दौरान दस प्रतिशत एडवांस राशि जमा करने की बाध्यता पर भी विचार करना चाहिए। अधिकारी किसी मामले में विवेक के बजाए कागजों के आधार पर निर्णय दें।
- प्रमोद मित्तल, दवा व्यापारी व राष्ट्रीय अध्यक्ष, अखिल भारतीय उद्योग व्यापार सुरक्षा मंच।
Þजीएसटी से स्वर्ण व्यापारियों को लाभ ही होगा। व्यापार में पारदर्शिता आएगी। सोने व चांदी के आभूषण पर टैक्स की चोरी पर लगाम लगेगी।
- सुरेंद्र अग्रवाल, सर्राफा व्यापारी व अध्यक्ष भगत ¨सह रोड व्यापार मंडल।
देश में व्याप्त कर चोरी जीएसटी से रुकेगी। देश में समान कर व्यवस्था एक अच्छा कदम है। इसके परिणाम लागू होने के बाद ही नजर आएंगे।
- अरुण खंडेलवाल, गुड़ व्यापारी।
छोटे व्यापारियों को जीएसटी का लाभ मिलेगा। 20 लाख रुपये तक के व्यापार पर कर नहीं होने से छोटे व्यापारी फायदे में रहेंगे।
- अनिल कंसल, व्यापारी नेता।
जीएसटी से व्यापार की बिगड़ी व्यवस्था पटरी पर आएगी। देश तरक्की की राह पर चलेगा।
- राधेश्याम शर्मा, केमिकल उद्यमी।
जीएसटी में कर चोरी नहीं होने से राजस्व में बढ़ोत्तरी होगी। इससे देश में विकास होगा।
- कपिल बंसल, किराना व्यापारी।
कर में पारदर्शिता आने से उपभोक्ता व व्यापारी के बीच विश्वास का रिश्ता बनेगा। पहले उपभोक्ता व्यापारी पर संदेह करता था।
- विकास भार्गव, स्टेशनरी व्यापारी।
मार्केट में चल रही फर्जी दवा कंपनियों के कारोबार में विराम लगेगा। रजिस्टर्ड दवा कंपनी ही बाजार में रहेगी। इससे उपभोक्ता को लाभ मिलेगा।
सतीश तायल, केमिस्ट।
आम उपभोक्ता को जीएसटी के चलते पहले की अपेक्षा सस्ती वस्तु मिलेगी।
- अशोक बंसल, किराना व्यापारी।
दवा उद्योग में काफी प्रतिस्पर्धा है। इसमें कर चोरी के कारण दवा के दामों में अंतर हो जाता है। जीएसटी से दवा के दामों में समानता आएगी।
- सुभाष चौहान, मेडीसिन डिस्ट्रीब्यूटर्स।
इलेक्ट्रॉनिक सामान पर मूल्य का अंतर काफी होता है। जीएसटी से सामानों के दामों में एक समानता आएगी।
- सिमरन दीपचंद चड्ढा, इलेक्ट्रॉनिक व्यापारी।
गली व मोहल्लों में खुली छोटी दुकानों के दुकानदारों को जीएसटी से काफी लाभ होगा।
- नवीन अरोड़ा, व्यापारी।
Þएक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में सामान बेचने पर कर में समानता होना ही जीएसटी की पारदर्शिता को उजागर करता है। इससे कर चोरी पर अंकुश लगेगा। साथ ही सामानों के मूल्य में अंतर भी समाप्त होगा।
- अंकुर गर्ग, पेपर उद्यमी।
कृषि यंत्रों व अनाज को कर मुक्त रखने से खाद्य पदार्थो की लागत कम होगी। इससे खाद्य वस्तुओं के सस्ते होने की संभावना है।
- राजीव गुप्ता, मिष्ठान व्यापारी।
देश के विकास में जीएसटी अहम् रहेगा। जीएसटी में सजा का प्रावधान हटा देना चाहिए। यह व्यापारी के हित में नहीं है। समान कर प्रणाली से भ्रष्टाचार अंकुश जरूर लगेगा।
- संजय मित्तल, व्यापारी नेता।
कपड़ा उद्योग को जीएसटी से फायदा होगा। जीएसटी से कपड़े सस्ते होंगे।
- मदनलाल, कपड़ा व्यापारी।