एटूजेड के प्लांट में निस्तारित हो रहा कूड़ा
मुजफ्फरनगर : कचरा प्रबंधन की व्यवस्था पालिका क्षेत्र में बेहतर है। पालिका ने शहरी क्षेत्र का कूड़ा उठ
मुजफ्फरनगर : कचरा प्रबंधन की व्यवस्था पालिका क्षेत्र में बेहतर है। पालिका ने शहरी क्षेत्र का कूड़ा उठाने के लिए एटूजेड एजेंसी को जिम्मा सौंपा है। एटूजेड कंपनी शहरी क्षेत्र का कूड़ा उठाती है। शहर से निकलने वाला रोजाना करीब 120 टन कूड़ा एटूजेड के प्लांट में निस्तारित होता है। एटूजेड ने कचरा निस्तारण का बड़े पैमाने पर प्लांट बनाया है, जहां पर कूड़ा उठाने वाले वाहन रोजाना प्लांट तक कूड़ा ले जाते हैं। डलाव घर से भी एटूजेड कंपनी कूड़ा उठाती है।
शहरी क्षेत्र में सफाई कर्मचारियों की कमी के कारण पालिका ने एटूजेड कंपनी के साथ करार किया था। शहरी क्षेत्र से रोजाना करीब 120 से 125 टन कूड़ा निकलता है। कूड़े के वजन के हिसाब से पालिका एटूजेड कंपनी को भुगतान करती है। इसी भुगतान से कंपनी कर्मचारियों को वेतन व अन्य खर्चे निकालती है।
दो प्लांटों में होता है कूड़ा निस्तारण
किदवई नगर में लगे प्लांट में जो कूड़ा जाता है उसके निस्तारण को दो बड़े प्लांट लगे हैं। यहां पर कूड़े की अलग-अलग कटेगरी के अनुसार छंटाई होती है। इसके बाद इसे ट्रीट किया जाता है। कूड़े से जैविक उर्वरक तैयार की जाती है। पहले कर्मचारियों को भुगतान व बिजली नहीं मिलने से प्लांट धीमा चल रहा था, लेकिन अब स्थिति में सुधार है। वहीं किदवई नगर में लगे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की हालत खराब है। यहां चार प्लांट लगे हैं, जिसमें दो बंद रहते हैं। संचालन में भारी खर्च आता है, जिसके कारण संचालन सतत नहीं होता। इस कारण अमूमन घरेलू पानी बिना ट्रीट किए ही नदी में छोड़ा जाता है।
इन्होंने कहा..
एटूजेड कंपनी शहरी क्षेत्र का कूड़ा उठाती है और उसका निस्तारण प्लांट में किया जाता है। कचरा प्रबंधन को लेकर परेशानी नहीं है।
-अजित ¨सह, अधिशासी अधिकारी।
--------------
कंपनी शहर का कूड़ा उठा रही है और अब प्लांट भी तेजी के साथ चल रहा है। मौजूदा समय में कोई परेशानी नहीं है। घर-घर से शत-प्रतिशत कूड़ा उठाने की मुहिम चलाई जा रही है।
- रावेंद्र ¨सह, मैनेजर एटूजेड