कांशीराम आवास योजना के मकान बने कमाई का जरिया
प्रदीप उलधन, जानसठ : गरीब व बेघर परिवारों को आसरा देने के उद्देश्य से बसपा शासन में करोड़ों रुपये खर्
प्रदीप उलधन, जानसठ : गरीब व बेघर परिवारों को आसरा देने के उद्देश्य से बसपा शासन में करोड़ों रुपये खर्च करके बनाई गईं कालोनियां इन दिनों कुछ लोगों के लिए कमाई का साधन बनी हुई हैं। कस्बे की तीनों कालोनियों में कई लोगों ने अपने निजी मकान दूसरे स्थानों पर बना लिए हैं या किराए पर रह रहे हैं। जबकि कांशीराम कालोनी में आवंटित हुए मकान को किराए पर देकर कमाई कर रहे हैं। कालोनियों की ओर गौर न करने के कारण प्रशासन इस मामले से बेखबर है।
आवासहीन लोगों की गईं आवंटित
बसपा सरकार ने अपने शासनकाल में बीपीएल सूची में शामिल परिवारों व आवासहीन लोगों को आसरा देने के उद्देश्य से कांशीराम आवासीय योजना लागू की थी। इसके अंतर्गत नगरों व महानगरों में कालोनियों बनाकर पात्र लोगों को आवंटित की गई थी। इसके तहत कस्बे में डाक बंगले के निकट, महादेव मंदिर मार्ग व गढ़ी बाईपास समेत तीन स्थानों पर 86 आवासों की कालोनियां निर्मित की गई थी।
अब कई आवास बने भूत बंगला
आवंटित होते ही लोग अपने-अपने परिवार लेकर आवासों में रहने लगे लेकिन धीरे-धीरे कई मकान मात्र भूत बंगला बनकर रह गए हैं।
वर्तमान में इन कालोनियों में दर्जनों से अधिक लोग अपने मकान छोड़कर अन्य जगहों पर रहे हैं। यहां रह रहे लोगों की मानें तो विनोद, फेमिदा, कनीज, मुमताज, गुल्लू, श्यामू ने आवंटित मकान किराए पर देकर वह दूसरी जगह अपने निजी मकान में रह रहे हैं। मोमिन, मुमताज, इरशाद, एहसान व सलीम आदि के आवासों में पिछले काफी समय से ताले लटके हुए हैं। कई बार स्थानीय अधिकारियों को शिकायत करके मामले में कार्रवाई के लिए भी बोल चुके हैं लेकिन कोई ध्यान नहीं देता। लोगों का मानना है कि कालोनियों में टीम आकर बंद पड़े आवासों को जरूरतमंदों को दे दिया जाए तो उन्हें बड़ा लाभ होगा।
लोगों का आरोप, सरकार बदली तो प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान
हालांकि कई परिवार अपने आवास किराए पर देकर दूसरी जगह रह रहे हैं लेकिन अधिकतर लोग अब कालोनियों में परेशान हैं। उनका कहना है कि बसपा सरकार जाने के बाद इन कालोनियों की ओर प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया है। इसके चलते उन्हें बिजली, पानी सफाई समेत कई समस्याओं का सामना आए दिन करना पड़ता है।
इन्होंने कहा..
डूडा से सूची प्राप्त करके जांच कराएंगे और जो ऐसे परिवार हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- उमेश कुमार मिश्र, एसडीएम जानसठ।