वीपी ¨सह के सियासी फैसलों का गवाह है जिला
मुजफ्फरनगर : प्रधानमंत्री के तौर पर देश की राजनीति में अल्पकाल में ही विशेष पहचान बनाने वाले 'मंडल म
मुजफ्फरनगर : प्रधानमंत्री के तौर पर देश की राजनीति में अल्पकाल में ही विशेष पहचान बनाने वाले 'मंडल मसीहा' स्व. विश्वनाथ प्रताप ¨सह का जिले से गहरा नाता रहा। यहां के नेताओं के साथ उनकी आत्मीयता रही और उनसे विचार विमर्श के बाद फैसले लिए गए। आइए आज पुण्यतिथि पर पूर्व प्रधानमंत्री को याद करें।
पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप ¨सह का 27 नवम्बर 2008 को देहान्त हो गया। उनका जिले से राजनीति से
लंबे समय तक जुड़ाव रहा। अस्सी के दशक में सूबे के मुख्यमंत्री के तौर पर उन्हें शिकायत मिली थी कि मुजफ्फरनगर और शामली के कई सरकारी क्रय केन्द्रों पर किसानों का गेहूं नहीं लिया जा रहा है। वह हेलीकाप्टर से छापामारी को पहुंचे थे। उनका हेलीकाप्टर जिले के कुतुबपुर निवासी शशांक शेखर (मायावती शासनकाल में सूबे के कैबिनेट सचिव रहे) उड़ा रहे थे। उस समय थाना भवन के विधायक रहे सोमांश प्रकाश बताते हैं कि पुलिस लाइन में उतरने के बाद पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के बाद वीपी ¨सह ऊन (शामली) के गेहूं क्रय केन्द्र पहुंच गए। यहां तमाम तरह की अनियमितता पाए जाने पर कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए थे। जनता दल के गठन के बाद सोमांश प्रकाश को पार्टी का राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बनाया गया। जम्मू-कश्मीर के मौजूदा मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद को मुजफ्फरनगर से लोकसभा चुनाव लड़ाया। दो दिसंबर 1989 को वीपी ¨सह ने प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली। मुजफ्फरनगर क्षेत्र से जीते सांसद मुफ्ती मोहम्मद सईद उनकी कैबिनेट में देश के पहले मुस्लिम गृहमंत्री बने। वीपी ¨सह के प्रधानमंत्री बनने के बाद शामली निवासी वीरेंद्र वर्मा पंजाब के राज्यपाल नियुक्त किए गए। किसानों के मसीहा चौधरी महेंद्र ¨सह टिकैत के संघर्ष को देख वीपी ¨सह उनसे भी प्रभावित हुए थे। टिकैत के कार्यक्रमों में उन्होंने मौजूदगी दर्ज कराई थी। पूर्व प्रधानमंत्री सिसौली भी पधारे थे।