उसूली ¨जदगी जीने को गमे हुसैन जरूरी: मौलाना यासूब
भोपा: आल इंडिया शिया पर्सनल ला बोर्ड के चेयरमैन मौलाना मिर्जा यासूब अब्बास ने कहा कि इंसानी ¨जदगी उस
भोपा: आल इंडिया शिया पर्सनल ला बोर्ड के चेयरमैन मौलाना मिर्जा यासूब अब्बास ने कहा कि इंसानी ¨जदगी उसूलों के बिना कुछ नहीं। उन्होंने कहा कि यदि उसूली ¨जदगी जीनी है तो दिल में गमे हुसैन जरूरी है। गमे हुसैन समझे बिना हक और इंसाफ का फलसफा समझना नामुमकिन है।
क्षेत्र के गांव गांव रहकड़ा स्थित इमाम बारगाह बैतुल हुज्न में सैयद असगर हुसैन को खिराजे अकीदत पेश करने के लिए आयोजित मजलिस को खिताब फरमाते हुए मिम्बरे रसूल से मौलाना यासूब ने फरमाया कि दुनियावी ऐतबार से कामयाब होने का मतलब यह कतई नहीं कि किसी भी इंसान की ¨जदगी का मकसद सफल हो गया। उन्होंने कहा कि इंसान वह जो दुनियावी और दीनी ऐतबार से सफल हो। दुनियावी ऐतबार से जीवन की सफलता के लिए जरूरी है कि कोई भी इंसान हक और बातिल के बीच का फर्क न सिर्फ समझे बल्कि उसे अपनाए भी। उन्होंने कहा कि आखिरत के लिए ¨जदगी में हक और बातिल को समझना तो जरूरी है ही नमाज की अदायकी और दूसरे उन अहकामों को भी अंजाम देना जरूरी है जो खुदा की खुश्नूदी को जरूरी हैं। उन्होंने फरमाया कि यदि उसूले दीन पर चलने के लिए वाकए करबला को भी समझना होगा। करबला के मैदान में नवासाए रसूल ने यजीद की बैयत न कर बता दिया कि हक को किसी भी सूरत में फरामोश नहीं किया जा सकता। करबला में हक के लिए दी गई इमाम हुसैन और उनके जांनिसारों की शहादत ने ही इंसानियत का रास्ता आसान किया। उन्होंने कहा कि हर मुसलमान को चाहिए कि दीन पर चले। क्योंकि दीन ही हुब्बल वतनी यानी वतन परस्ती की हिदायत देता है। यदि हम अपने दीन पर कायम रहेंगे तो दुनिया में तो कामयाब कहलाएंगे ही आखिरत में भी कामयाबी हासिल होगी। इससे पूर्व मजलिस की शुरुआत अली रजा ने सोजख्वानी से की।