नारकीय जीवन जीने को विवश हैं जामियानगरवासी
मुजफ्फरनगर : स्वच्छ भारत-स्वच्छ प्रदेश की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले जिले के नुमाइंदों को शायद धरातल की
मुजफ्फरनगर : स्वच्छ भारत-स्वच्छ प्रदेश की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले जिले के नुमाइंदों को शायद धरातल की सच्चाई मालूम नहीं। रोज अखबारों में झाडू के साथ फोटो खिंचवाने वाले समाजसेवियों को वार्ड-43 के जामियानगर की गंदगी दिखाई नहीं देती, जहां के निवासी रोज कीचड़भरी गलियों से निकलने को मजबूर हैं। स्कूली बच्चों को भी रोज सुबह स्कूल जाने के लिए गंदगी से गुजरना पड़ रहा है।
नगर पालिका के वार्ड-43 के जामिया नगर, खालापार की हालत फिलहाल किसी नरक से कम नहीं। मोहल्ले की कोई गली, सड़क ऐसी नहीं, जहां पानी न भरा हो या गंदगी न फैली हो। मोहल्लावासियों को कहीं भी जाने के लिए पहले गंदे पानी से गुजरना पड़ता है। मोहल्ले के सलमान का कहना है कि गंदगी से क्षेत्र में बीमारी फैल रही हैं। गंदगी का आलम यह है कि अब तो रिश्तेदारों को बुलाने में भी शर्म महसूस होती है। मोहल्ले के ही नवाब, शकील, शमीम, विक्की, अब्दुल कादिर, गुलशेर आदि का कहना है कि कई बार इसकी शिकायत अधिकारियों से भी की, लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात रहा।
इतना ही नहीं मोहल्लावासियों का आरोप है कि कई बार कहने के बावजूद उनके वार्ड के सभासद राजा भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो मोहल्ले के लोग पोलियोरोधी ड्रॉप का बहिष्कार करेंगे।