सत्संग का प्रभाव मानव जीवन की दिशा ही बदल देता है : श्यामानंद
मोरना : तीर्थनगरी शुक्रताल स्थित संत मंडल आश्रम में आयोजित वार्षिक संत समागम समारोह में स्वामी श्याम
मोरना : तीर्थनगरी शुक्रताल स्थित संत मंडल आश्रम में आयोजित वार्षिक संत समागम समारोह में स्वामी श्यामानंद महाराज ने कहा कि सत्संग का प्रभाव मानव जीवन की दिशा ही बदल देता है। संयम, धैर्य और शिष्टाचार सत्संग से मिलते हैं। सदाचारी जीवन मानव की सफलता की सबसे बड़ी कुंजी है। संयम से जीने वाला शतायु होता है।
हरिद्वार से आए गणपति पंडित जी महाराज ने कहा मानव जीवन बड़े त्याग व तपस्या के बाद ही मिलता है। हमें मानव की भलाई में ही कार्य करना चाहिए। मानव सेवा ही सबसे बड़ी भक्ति है। नर सेवा नारायण सेवा है। ईश्वर सभी के हृदय में बसते हैं, वे कण-कण में विराजमान है और भक्ति के बल पर उनके दर्शन किए जा सकते हैं। स्वामी छोटू महाराज ने कहा कि परोपकार से बढ़कर कोई पुण्य नहीं है, इसलिए मनुष्य को परोपकार के कार्य करने चाहिए। इस मौके पर भंडारे का भी आयोजन किया गया, जिसमें साधु-संतों एवं ब्राह्माणों को भोजन कराकर दान दक्षिणा दी गई। कार्यक्रम में भरत तुलसी राम, ओमपाल, बालकिशन, सुशील कुमार, सोमवीर, रणधीर आदि मौजूद रहे।