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नशे की लत लील गई किशोर की जान

खतौली: इसे सर्वशिक्षा अभियान का लचीलापन कहे या प्रशासन की अनदेखी। शिक्षा विभाग व प्रशासन के खोखले के

By Edited By: Published: Wed, 15 Apr 2015 11:59 PM (IST)Updated: Wed, 15 Apr 2015 11:59 PM (IST)
नशे की लत लील गई किशोर की जान

खतौली: इसे सर्वशिक्षा अभियान का लचीलापन कहे या प्रशासन की अनदेखी। शिक्षा विभाग व प्रशासन के खोखले के दावों के विपरीत यहां एक परिवार के चार बच्चे स्कूल तो जा नहीं सके, लेकिन मुफलिसी ने उन्हें कलम और किताब की जगह हाथों में नशीला पदार्थ थामा दिया। छोटी उम्र में ही वे नशे की लत में पड़ गए। बुधवार को इनमें से एक किशोर ने दम तोड़ दिया। मोहल्लावासियों ने अन्य भाइयों के सुधार के लिए प्रशासन से मदद की गुहार की है।

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यहां मोहल्ला गणेशपुरी में एक परिवार के चार बच्चे मुफिलसी के चलते स्कूल नहीं जा सके। जिस उम्र में उनके हाथ में किताब व कलम होनी चाहिए थी। उस उम्र में उनके हाथ नशीला पदार्थ आ गया। उन्हें नशे ने ऐसा जकड़ा कि उससे बाहर नहीं निकल सके। नशा मानों उनकी आदत में शुमार हो गया। स्लोचन सूंघ कर करते हैं। नशे से वे काम की जगह कूड़ा बीनने व मांगने में लग गए। उनकी उम्र भी महज 16, 15, 12 व 7 साल है। इनमें 16 वर्षीय किशोर को नशे के चलते बीमारी ने जकड़ लिया। वह एक बार बीमार पड़ा तो चारपाई से नहीं उठ सका। मां मुफलिसी में उसकी बड़े चिकित्सक से दवा नहीं कर सकी। दवा व उपचार के अभाव में बुधावार को उसकी मौत हो गई। मोहल्लावासियों ने बताया कि मृतक की मां घरों में मेहनत मजदूरी करती हैं, जबकि उनका पिता महाराष्ट्र में मजदूरी करने गया है। वह पुत्र के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हो सका। किशोर का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। मृतक के अन्य तीन भाई अपने बड़े भाई की नशे से हुई मौत से बेखबर है।

प्रशासन से बच्चों के सुधार को मदद

खतौली : मृतक के चाचा सुनील, सुरेश, मोहल्लावासी प्रकाशों, नरेश, बाबू आदि का कहना है कि बचपन में बच्चे ठीक थे, लेकिन उन्हें नशा करने की लत कहां से पड़ी किसी को नहीं पता। वे स्लोचन सूंघकर नशा करने लगे। उन्हें समझाने का प्रयास किया गया, लेकन उनकी नशे लत नहीं छूटी। उक्त लोगों ने प्रशासन से अन्य भाइयों की सुधार के लिए मदद की गुहार की है। जिससे उनका भविष्य सुधर सके।

प्रशासन को चलाना चाहिए अभियान

समाजसेवी कुलदीप तोमर, सुभाष, सुनील, अजय, वसीम आदि का कहना है कि कुछ बच्चे थोड़ी उम्र में नशे के आदी हो जाते है। नशे के कारण वे अपराधिक प्रवृति में भी पड़ जाते है। कई बच्चें नशे की लत में पड़े है। प्रशासन को जागरुता के लिए अभियान चलाना चाहिए।


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