Move to Jagran APP

शिक्षक संघों ने किया बहिष्कार, मूल्यांकन से रहे दूर

मुजफ्फरनगर : पेंशन नीति बहाल करने समेत विभिन्न मांगें न माने जाने से क्षुब्ध माध्यमिक विद्यालय शिक्ष

By Edited By: Published: Tue, 31 Mar 2015 12:32 AM (IST)Updated: Tue, 31 Mar 2015 12:32 AM (IST)
शिक्षक संघों ने किया बहिष्कार, मूल्यांकन से रहे दूर

मुजफ्फरनगर : पेंशन नीति बहाल करने समेत विभिन्न मांगें न माने जाने से क्षुब्ध माध्यमिक विद्यालय शिक्षक संगठनों ने सोमवार को बोर्ड परीक्षा मूल्यांकन का बहिष्कार किया। शिक्षक मूल्यांकन केंद्रों पर पहुंचे, लेकिन उपस्थिति दर्ज कराने के बाद मूल्यांकन से दूर ही रहे।

loksabha election banner

यूपी बोर्ड हाईस्कूल एवं इंटर की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए नगर में चार केंद्र निर्धारित किए गए थे। केंद्रों पर बोर्ड द्वारा करीब 10 लाख से अधिक उत्तर पुस्तिकाएं पहले ही पहुंच चुकी हैं। मूल्यांकन प्रारंभ होने की तिथि 30 मार्च निर्धारित किए जाने के बाद उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ ओमप्रकाश शर्मा व ठकुरई गुट सहित उप्र अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक माध्यमिक, बेसिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने शुरू के तीन दिन बहिष्कार की घोषणा की थी। उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ ने रविवार को बैठक कर घोषणा की थी कि उनके संगठन से जुड़े शिक्षक मूल्यांकन केन्द्रों पर जाएंगे और उपस्थिति चार्ट पर हस्ताक्षर कर मूल्यांकन कार्य से दूर रहेंगे। सोमवार को निर्धारित समय पर परीक्षक मूल्यांकन केन्द्रों पर पहुंचे तो जरूर लेकिन मूल्यांकन से दूर ही रहे।

मांगों को लेकर शिक्षक संघ आमने-सामने

राजकीय इंटर कालेज में उप्र अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक माध्यमिक, बेसिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन से जुड़े शिक्षकों ने बैठक की। बैठक में प्रारम्भ के तीन दिन मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार का निर्णय लिया गया। इस दौरान एक शिक्षक संगठन की नीतियों पर भी विरोध दर्ज कराया गया। जिलाध्यक्ष हरकेश सिंह ने कहा कि नई पेंशन व्यवस्था 10 वर्ष बाद भी सरकार द्वारा लागू नहीं की जा सकी, तथा स्थानांतरण की प्रक्रिया का सरलीकरण भी नहीं किया गया। जो शिक्षक 2005 के बाद नियुक्त हुए हैं, उनकी सबसे बड़ी समस्या है कि कुछ शिक्षक संगठनों ने पिछले 10 वर्ष बाद भी पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने को आंदोलन की बात कही थी। परंतु 10 वर्ष बाद भी पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू नहीं हो पाई और वही संगठन नई पेंशन व्यवस्था की मांग करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन जब नई पेंशन व्यवस्था की मांग कर रहा था तब यह संगठन पुरानी पेंशन व्यवस्था को लेकर शिक्षकों को गुमराह कर रहे थे। आरोप लगाया कि जो शिक्षक एमएलसी बनकर जाते हैं, उन्होंने एक बार भी नई पेंशन व्यवस्था को लेकर विधान परिषद में प्रश्न नहीं उठाया। मंत्री बिजेन्द्र सिंह, अशोक कुमार, राजेश कुमार, निदेश कुमार, पन्नालाल, लवकुश, ओमकुमार, विक्रम सिंह, ब्रजेश कुमार, पवन यतेन्द्र आदि शामिल रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.