आम बजट से नौकरीपेशा व मध्य वर्ग को झटका
मुजफ्फरनगर : वित्तमंत्री अरुण जेटली से आस लगाए बैठे नौकरीपेशा लोगों को भारी निराशा हाथ लगी है। आयकर
मुजफ्फरनगर : वित्तमंत्री अरुण जेटली से आस लगाए बैठे नौकरीपेशा लोगों को भारी निराशा हाथ लगी है। आयकर स्लैब में कोई परिवर्तन न होने से मध्यम वर्गीय लोग मायूस हैं।
नौकरी पेशा व छोटे कारोबारियों को इस बार वित्त मंत्री से मांग थी कि आयकर की सीमा कम से कम 3 लाख की जाए। आयकर स्लैब में परिवर्तन न होने से नौकरीपेशा लोगों को झटका लगा है।
वित्त मंत्री से इस बार आस थी कि आयकर की सीमा बढ़ाकर कम से कम 3 से साढ़े तीन लाख की जाएगी, लेकिन ऐसा न होने से नौकरीपेशा लोगों को बेहद निराशा हाथ लगी है। सर्विस टैक्स बढ़ा दिया गया है, जिससे महंगाई बढ़ेगी और आम जनता पर बोझ पड़ेगा। -आरएम तिवारी, प्रोफेसर डीएवी कालेज।
रोजगार की दिशा में कोई प्रयास आम बजट में नहीं किया गया है। सर्विस टैक्स बढ़ाकर बेरोजगारों पर अतिरिक्त भार डाल दिया गया है। मोबाइल बिल, यात्रा, पत्राचार समेत विभिन्न वस्तुएं महंगी हो जाएंगी, जिसका बेरोजगारों पर असर पड़ेगा। इंटरनेट महंगा होगा, जिसका सीधा असर पड़ेगा। -मेनपाल, यूथ।
वित्त मंत्री से आयकर स्लैब बढ़ाकर साढ़े तीन लाख किए जाने की मांग की गई थी। सरकारी कर्मचारियों का वेतन आयकर भरने में ही चला जाता है, लेकिन इस ओर कोई ध्यान वित्तमंत्री ने नहीं दिया। सर्विस टैक्स बढ़ा कर लोगों पर महंगाई की मार बढ़ा दी। -जय कुमार शर्मा, समाजसेवी।
आम बजट से आम जनता व छोटे व्यापारियों को कोई राहत नहीं मिली है। आयकर स्लैब में छूट बढ़ती तो छोटे व्यापारियों को लाभ जरूर मिलता, लेकिन बजट में सर्विस टैक्स बढ़ाकर भार लाद दिया गया, जिसका घर से लेकर बाहर तक असर पड़ेगा। -राहुल गोयल, कपड़ा व्यापारी।