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सूचना न देने वाले अफसर होंगे दंडित : नागेंद्र

मुजफ्फरनगर : प्रदेश के राज्य सूचना आयुक्त नागेंद्र सिंह यादव ने कहा कि सूचना न देने वाले अफसरों को आ

By Edited By: Published: Sun, 23 Nov 2014 12:27 AM (IST)Updated: Sun, 23 Nov 2014 12:27 AM (IST)
सूचना न देने वाले अफसर होंगे दंडित : नागेंद्र

मुजफ्फरनगर : प्रदेश के राज्य सूचना आयुक्त नागेंद्र सिंह यादव ने कहा कि सूचना न देने वाले अफसरों को आयोग दंडित करता है। आयोग के आदेश के प्रति शिथिलता बरतने वालों को विभागीय दंड दिया जाएगा।

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शनिवार की देर शाम लोनिवि गेस्ट हाउस पहुंचे राज्य सूचना आयुक्त नागेंद्र सिंह यादव ने 'दैनिक जागरण' से बातचीत राज्य सूचना आयोग सूचना न देने की हर अपील को गंभीरता से संज्ञान ले रहा है। जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत मांगी गई सूचना का 30 दिन के भीतर जवाब न देने पर पहले प्रथम अपीलीय अधिकारी फिर राज्य सूचना आयोग में अपील का प्रावधान है। राज्य सूचना आयोग का मकसद वादी को हर हाल में संबंधित सूचना दिलवाना है। वादी के न पहुंचने पर भी आयोग मुकदमे की सुनवाई करता है।

आगरा, झांसी, मिर्जापुर मंडल के राज्य सूचना आयुक्त नागेंद्र सिंह यादव ने कहा कि आयोग में सूचना के आवेदन की एक प्रक्रिया है। प्रक्रिया के तहत शिथिलता बरतने वाले अफसरों के खिलाफ जनसूचना अधिकार कानून की धारा (20)1 में आयोग अधिकतम 25 हजार का जुर्माना संबंधित प्रतिवादी अधिकारी के खिलाफ आदेश करता है। यह धनराशि अधिकारी की तनख्वाह से वसूली का प्रावधान है। इसके बाद भी वादी को सूचना न मिलने पर धारा (20)2 के तहत विभागीय दंड पर की संस्तुति भी की जाती है। आयोग के आदेश पर अमल करना जिला प्रशासन का काम है। इसके लिये सूचना मांगने वाले वादी को जागरूक होना पड़ेगा। उन्होंने माना कि प्रदेश में रोजाना सुनवाई के लिये आने वाली अपीलों की संख्या काफी है, जबकि पूरे प्रदेश में दस सूचना आयुक्त हैं।


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