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खाकी का 'प्यार', एक वारदात की दो एफआईआर

मुजफ्फरनगर :'क्राइम कैपिटल' के नाम से मशहूर मुजफ्फरनगर नगरी की पुलिस भी पूरे उत्तरप्रदेश में प्रसिद्

By Edited By: Published: Wed, 22 Oct 2014 06:44 PM (IST)Updated: Wed, 22 Oct 2014 06:44 PM (IST)

मुजफ्फरनगर :'क्राइम कैपिटल' के नाम से मशहूर मुजफ्फरनगर नगरी की पुलिस भी पूरे उत्तरप्रदेश में प्रसिद्ध है। मुजफ्फरनगर पुलिस का ताजा कारनामा उस समय चर्चा का विषय बन गया, जब एक ही घायल को दो अलग-अलग घटनास्थल पर गोली लगने से घायल दिखाकर दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज कराये गए। इतना ही नहीं, एक मुकदमे में तो रंजिश का जिक्र करते हुए दो युवकों को नामजद भी करा दिया गया, जबकि पूरा मामला शादी में हुई फायरिंग में घायल होने का था। जानकारी के बाद दोनों थानों में हड़कंप है। पुलिस अपने बचाव के तरीके ढ़ंढ़ रही है।

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मंसूरपुर थाना क्षेत्र के बोपाड़ा गांव में 19 अक्टूबर 2014 शादी समारोह के दौरान फायरिंग हुई थी। इस दौरान बोपाड़ा गांव निवासी गुफरान पुत्र शाहबुद्दीन गोली लगने से घायल हो गया। सूचना पर हलका प्रभारी दारोगा एसके त्यागी मौके पर भी पहुंचे थे। घटना के संबंध में एक मुकदमा अपराध सं-403/14 हल्का प्रभारी की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया।

दूसरी ओर घायल के परिजनों ने एक नई कहानी तैयार की। घायल गुफरान के मामा हाजी अनवर कुरैशी निवासी मीरापुर ने बताया कि भांजे गुफरान पुत्र शाहबुद्दीन निवासी बोपाड़ा के साथ 19 अक्टूबर 2014 को सिविल लाइन थाना क्षेत्र में कच्ची सड़क पर परिचित के घर पर शोक संवेदना जताने आए थे। इसी दौरान बाइक सवार हमलावरों ने उन पर फायरिंग की। कार क्षतिग्रस्त हो गई और गुफरान को जांघ में गोली लगी। इस प्रकरण में हाजी अनवर कुरैशी ने सिविल लाइन थाने में सहारनपुर के बसंत विहार निवासी दिनेश शर्मा, विनोद शर्मा व तीन अज्ञात के खिलाफ मुकदमा अपराध संख्या 1102/14 भी दर्ज करा दिया गया। इस तरह से एक ही घायल के नाम से मंसूरपुर और सिविल लाइन थाने में दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज हो गए।

आखिर किस थाने में हुआ 'खेल'

दोनों मुकदमों में घायल एक ही है और उसके जांघ में गोली लगना दर्शाया गया है। ऐसे में कौन से थाने में मुकदमा दर्ज करने में 'खेल' किया गया है, यह जांच का विषय है।

रंजिश निकालने का तरीका तो नहीं?

घायल गुफरान के मामा हाजी अनवर कुरैशी की ओर से सिविल लाइन थाने में दर्ज हुए मुकदमे में सहारनपुर निवासी युवकों से रंजिश बताते हुए नामजद कराया गया है। सूत्रों की मानें तो वादी पक्ष ने पूरी कहानी पुलिस की मदद से प्लान की और 'सेटिंग' करके रंजिश निकालने के लिए दूसरे पक्ष को आरोपी बना डाला। ऐसे में खाकी और दर्ज हुए मुकदमे की पोल खुल गई है।

दोनों विवेचक का एक नाम

मंसूरपुर और सिविल लाइन थाने में दर्ज हुए मुकदमों की विवेचना कर रहे दोनों दारोगाओं का नाम भी एसके त्यागी है। मंसूरपुर के विवेचक का नाम एसके त्यागी यानी सुशील कुमार त्यागी है। जबकि सिविल लाइन थाने में दर्ज मुकदमे की विवेचना दारोगा एसके त्यागी (संत कुमार त्यागी) कर रहे हैं।

इन्होंने कहा..

मामले की जानकारी नहीं है। पता कराने के बाद ही कुछ कह सकता हूं।

श्रवण कुमार सिंह, एसपी सिटी।


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