चार हत्यारोपियों को आठ साल की सजा
मुजफ्फरनगर : जमीन की रंजिश में की गई हत्या के मामले में अदालत ने 11 साल बाद चार हत्यारोपियों को आठ साल कैद व 15 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। चारों आरोपियों ने मारपीट कर एक व्यक्ति को घायल कर दिया था, जिसकी उपचार के दौरान मौत हो गई थी।
जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता यशपाल सिंह ने बताया कि रणजीत निवासी नसीरपुर थाना तितावी 31 जुलाई 2003 को बच्चों के साथ खेत से बुग्गी लेकर आ रहा था। रास्ते में गांव के ही राजबीर पुत्र अलबेल, अनिल पुत्र सीखचंद, अमरजीत पुत्र सुखबीर व सीखचंद पुत्र हरि सिंह ने रणजीत पर हमला कर उसे घायल कर दिया था। घायल अवस्था में रणजीत को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उपचार के दौरान 17 दिन बाद उसकी मौत हो गई थी। रणजीत की पत्नी व वादी कृष्णा ने चारों आरोपियों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया था। दोनों के बीच जमीनी विवाद चल रहा था।
मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर 11 की अदालत में हुई। एडीजे अरविंद कुमार उपाध्याय ने चारों आरोपियों राजबीर पुत्र अलबेल, अनिल पुत्र सीखचंद, अमरजीत पुत्र सुखबीर व सीखचंद पुत्र हरि सिंह को हत्या का दोषी करार देते हुए आठ साल की सजा सुनाई व 15-15 हजार का जुर्माना भी लगाया।
सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग बनी सजा का आधार
जमीनी विवाद में की गई व्यक्ति की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग सजा का आधार बनी। एडीजीसी क्रिमिनल ने सुप्रीम कोर्ट की एक रूलिंग को आधार बनाते हुए मामले में बहस की और न्यायाधीश ने उसी को आधार मानते हुए चारों आरोपियों को आठ-आठ साल की सजा सुनाई।