पहली बाढ़ का मुआवजा नही, दूसरी शुरू
मोरना : पिछले साल आई बाढ़ की तबाही का मुआवजा आज तक ग्रामीणों को नही मिला है और दूसरी बार बाढ़ ने फिर से खादर क्षेत्र में कहर बरपाना शुरू कर दिया है। ग्रामीणों में शासन-प्रशासन के अलावा जनप्रतिनिधियों के प्रति भारी रोष है।
17 जून 2013 को हरिद्वार से गंगा में छोड़े गए पानी से खादर क्षेत्र के गांव मजलिसपुर तोफिर, महाराजनगर, सिताबपुरी, खैरनगर आदि गावों में पानी घुस गया था। किसानों की हजारों बीघा फसल पानी भरने से पूरी तरह नष्ट हो गई थी गांव में कई दर्जन मकान गिर गए थे। रास्ते खराब हो गए थे। शासन प्रशासन के आला अफसरों ने ग्रामीणों को मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया था। प्रधान वेदपाल सिंह, महेंद्र सिंह, ओमकार, बिजेंद्र, सहेंद्र, किशन, रामकला आदि ग्रामीणों का कहना कि पिछली बाढ़ को आए एक वर्ष बीत चुका है, लेकिन ग्रामीणों को उनके नुकसान का कोई मुआवजा अभी तक नहीं मिला है। ग्रामीणों का कहना कि वे मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर एक साल से जन प्रतिनिधियों के भी चक्कर काट चुके है, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नही मिला है। ग्रामीणों में शासन प्रशासन के अलावा जन प्रतिनिधियों के प्रति भी भारी रोष है।
इन्होंने कहा..
बाढ़ ग्रस्त गांवों के नुकसान का सर्वे कराकर शासन को भेजा गया था, लेकिन अभी तक धनराशि नही आई है।
-राकेश कुमार, तहसीलदार, जानसठ