सुरक्षित रखें जिंदगी, महफूज पहुंचें शिवालय
मुजफ्फरनगर: 'सावधानी हटी, दुर्घटना घटी'। बस अड्डा हो या रेलवे स्टेशन। हाइवे हो या साधारण मार्ग, बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा रहने वाला यह स्लोगन अनगिनत बार आंखों के सामने से गुजर गया होगा, लेकिन इस पर हम कभी गंभीरता से गौर करना मुनासिब नहीं समझते। नतीजा, कभी किसी को अनमोल जिंदगी से हाथ धोना पड़ता है तो कोई अंग भंग होकर जीवन भर दुख उठाता है। कांवड़ यात्रा के दौरान पिछले दो-तीन दिन में हुए सड़क हादसे भी ऐसी ही किसी न किसी अनदेखी का परिणाम हैं।
हर बार लाख प्रयास के बावजूद कांवड़िये सुरक्षा नियमों पर ध्यान नहीं देते। इससे हादसे होते हैं। कहीं तेज रफ्तार गाड़ियां पलट रही हैं तो कहीं गाड़ियों की टक्कर पैदल चल रहे भक्तों के लिये जानलेवा साबित हो रही है।
जिंदगी तो अपनी है
बेशक, पुलिस व प्रशासन की तरफ से सुरक्षा व्यवस्था की जाती है। हालांकि, इनमें भी कहीं न कहीं छेद रह ही जाते हैं। इसके बावजूद भक्तों को यह सोचकर सुरक्षित सफर करना चाहिए कि ये अनमोल जिंदगी तो अपनी है।
इन बातों का रखें ध्यान
-वाहन में हैं तो थोड़ा इंतजार करें। दूसरे वाहन को कभी भी ओवरटेक करने का प्रयास न करें। यह जानलेवा हो सकता है।
-पैदल जाने वाले यात्री भी सड़क के एक तरफ चलें। इससे आपके पीछे आ रहे भक्तों को भी असुविधा नहीं होगी।
-कांवड़ की ऊंचाई पर विशेष ध्यान दें। ज्यादा ऊंचाई होने पर यह बिजली के तारों में फंसकर गंभीर खतरे का सबब बन सकती है।
-कांवड़ सेवा शिविरों में ठहर रहे हैं तो वहां चेक कर लें कि कहीं कोई नंगा तार आदि तो नहीं झूल रहा है।
-दो पहिया वाहन पर हैं तो लेन (उसी रोड पर) बदलते वक्त एक दो बार आगे पीछे देखें। पूरी तरह सुनिश्चित होने के बाद ही दूसरी लेन में पहुंचें।
-सड़क पर लगे ट्रैफिक सिग्नल्स को देखें और यातायात नियमों का पालन करें।
-व्यवस्था बनाने में पुलिस और प्रशासन का सहयोग करें।
-खुद भी धैर्य रखें और अन्य कांवड़ियों को भी यह समझायें कि इतने बड़े आयोजन में आपका सहयोग कितना महत्वपूर्ण है।
-जो मार्ग शिवभक्तों के लिये निर्धारित है, उसी पर सुरक्षित चलें।