कितने पीड़ितों को मदद दी, कितने हैं बाकी
जानसठ (मुजफ्फरनगर) : गत दिसंबर माह में हुए दंगे के पीड़ितों को लेकर सुप्रीम बेहद गंभीर है। जिसके चलते कोर्ट समय-सयम पर क्षेत्रीय अधिकारियों को लगातार दिशा-निर्देश देते रहते हैं। इससे संबंधित एक पत्र एसडीएम कार्यालय को मिला है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने दंगा पीड़ितों को मदद देने संबंधी जानकारी मांगी है।
गौरतलब है कि क्षेत्र कवाल गांव में गत अगस्त माह में छेड़छाड़ को लेकर हुए तिहरे हत्याकांड के बाद सात सितंबर को नंगला मंदौड़ में महापंचायत हुई थी। पंचायत से लौटते समय ट्रैक्टर-ट्राली सवार लोगों पर जौली गंग नहर पर सैंकड़ों लोगों की भीड़ ने घेरकर हमला बोल दिया था। घटना में जहां आधा दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। करीब डेढ़ दर्जन ट्रैक्टरों में भी आग लगा दी थी।
घटना के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने प्रदेश सरकार की भारी कमी बताते हुए जल्द से जल्द दंगा पीड़ितों को आर्थिक मदद पहुंचाने के आदेश दिए। इसी संबंध में एक पत्र एसडीएम कार्यालय को मिला तो एसडीएम बाबूराम ने तहसीलदार राकेश कुमार, सीओ मुकेश चंद्र मिश्र व सभी क्षेत्रीय अधिकारियों की बैठक लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों से अवगत कराया।
सुप्रीम कोर्ट ने क्षेत्र में दंगा पीड़ितों की सूची, उन्हें क्या मदद दी गई और किन लोगों को मदद पहुंच गई व कितने शेष रह गए, आदि जानकारी मांगी है। साथ ही इस संबंध में लापरवाही बरतने पर सख्त कार्रवाई की भी चेतावनी दी है।
इन्होंने कहा...
जौली गंग नहर पर हुई घटना समेत क्षेत्र के कुल 22 लोगों को आर्थिक मदद दे चुके हैं। जिन परिवार के लोगों की हत्या हुई थी, उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नौकरी व आर्थिक मदद पहले ही दी जा चुकी है। सुप्रीम कोर्ट को इस संबंध में जानकारी भेज दी है।
राकेश कुमार, तहसीलदार, जानसठ।