क्राइम ब्रांच की टीम ने देखा मौका-ए-वारदात
मुजफ्फरनगर : डॉ. सुरेश जौहरी हत्याकांड में क्राइम ब्रांच की टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण कर कुछ सुबूत जुटाए। आसपास के प्रतिष्ठानों में लगे वीडियो कैमरों की जांच की, लेकिन वे सभी बंद पड़े मिले। इसी के साथ ही घटना को लेकर पुख्ता सुबूत जुटाने और वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों की पहचान की उम्मीदों पर पानी फिर गया।
एक अप्रैल 2014 को नई मंडी कोतवाली क्षेत्र में नेत्र सर्जन डॉ. सुरेश जौहरी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मामले में परिजनों ने भूमि विवाद बताते हुए तीन आरोपियों इरफान पुत्र नानू, सुशील, इरफान पुत्र हस्मुद्दीन और रहीस के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि रहीस अभी फरार है। इस प्रकरण में आरोपियों के परिजनों ने एसएसपी एचएन सिंह से निष्पक्ष जांच की मांग की थी। इसके बाद एसएसपी ने एसपी क्राइम को मामले में कुछ अन्य सुबूत जुटाने के लिए निर्देश दिया था।
क्राइम ब्रांच की टीम बुधवार और गुरुवार को घटनास्थल पर जांच पड़ताल के लिए पहुंची। उन्होंने कई लोगों से पूछताछ की और आसपास के प्रतिष्ठानों में लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला। बदकिस्मती से सभी कैमरे बंद या फिर खराब मिले। ऐसे में पुलिस के हाथ हत्यारों के खिलाफ कोई भी अहम सुराग हाथ नहीं लगा।