Move to Jagran APP

2014 में मिली थी मंजूरी, तीन साल से हो रहा इंतजार

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : सोनकपुर रेलवे ओवरब्रिज का शिलान्यास वायदों के पिलर पर अब तक

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Dec 2017 02:08 AM (IST)Updated: Sun, 03 Dec 2017 02:08 AM (IST)
2014 में मिली थी मंजूरी, तीन साल से हो रहा इंतजार
2014 में मिली थी मंजूरी, तीन साल से हो रहा इंतजार

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : सोनकपुर रेलवे ओवरब्रिज का शिलान्यास वायदों के पिलर पर अब तक हुआ है। ओवरब्रिज की नींव रखने में बजट की आकड़ेबाजी के साथ ही टाइमिंग का विशेष तौर पर ध्यान रखा गया। अभी पुल के निर्माण का सपना दिखाया जा रहा है जबकि सोनकपुर ओवरब्रिज के निर्माण को वर्ष 2014 में ही मंजूरी दी जा चुकी है। 2015 के बजट में भी इसको शामिल किया था।

loksabha election banner

ओवरब्रिज के निर्माण की लागत पहले 88 करोड़ रुपये थी। इसमें से सिर्फ 71 करोड़ कैबिनेट की बैठक में मंजूर हुए हैं। 17 करोड़ रुपये का खर्च रेलवे उठाएगा। निर्माण के लिए पहली किस्त में 6.6 करोड़ रुपये की धनराशि चुनावी वायदा रहा। निर्वतमान जिलाधिकारी जुहैर बिन सगीर ने 25 दिसंबर 2016 को इसका शिलान्यास किया। तीन माह में काम शुरू करने की बात होती रही। राज्य सरकार जब आरओबी बनाकर तैयार करा लेगी तो रेलवे के इंजीनियरों के नेतृत्व में उनकी ही धनराशि से तय मानक और गुणवत्ता के आधार पर रेलवे लाइन के ऊपर के हिस्से को बनाया जाएगा।

फाउंडेशन खोदने में खर्च हो जाएगी 6.6 करोड़ की धनराशि

-सोनकपुर ओवरब्रिज की लागत 13 जून 2013 को 88 करोड़ रुपये की थी। तत्कालीन प्रदेश सचिव संजीव कुमार ने सेतु निगम की संस्तुति पर डिजाइन एवं अन्य कार्यो के लिए मंजूरी दी। 23 सितंबर 2014 को रेलवे ने इसे अपने आगामी कार्य में शामिल कर लिया। इसके बाद लोक निर्माण विभाग से एक बार फिर बजट पर अभिमत मागा। लोक निर्माण विभाग ने सेतु निगम के प्रस्ताव को ओके करके भेज दिया। शासन स्तर पर कागजी कार्रवाई चलती रही, आखिरकार 18 सितंबर 2015 को ड्राइंग एवं अन्य कार्यो को मंजूरी देते हुए रेलवे ने इसे पिंक बुक में शामिल कर लिया। तब से राज्य सरकार ने प्रोजेक्ट को लटकाये रखा और चुनावी बिगुल बजने से पहले पुल के निर्माण के लिए नारियल फोड़कर सभी को जाम से मुक्ति का सपना दिखाया है। शासन स्तर से बजट में 71 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है और जारी सिर्फ 6.6 करोड़ रुपये किये हैं। यह बजट ऊंट के मुंह में जीरे के बराबर है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.