राज्यरानी एक्सप्रेस के क्षतिग्रस्त डिब्बों की दोबारा होगी जांच
72 घंटे बीतने के बावजूद दुर्घटना के कारणों पर स्थिति स्पष्ट कर जांच की दिशा तय तक नहीं हो पाई है।
मुरादाबाद (तरुण पाराशर)। राज्यरानी हादसे की जांच में अलग-अलग स्तर पर काम चल रहा है। तकनीकी खामी, ट्रैक के रख-रखाव में लापरवाही लेकर आतंकी साजिश के संभावनाओं के सूत्र तलाशे जा रहे हैं। जांच में रेलवे अधिकारियों के साथ ही जीआरपी, आरपीएफ, सिविल पुलिस और एटीएस तक जुटी हुई हैं। 72 घंटे बीतने के बावजूद दुर्घटना के कारणों पर स्थिति स्पष्ट कर जांच की दिशा तय तक नहीं हो पाई है।
आतंकी साजिश को लेकर जांच किए जाने से रेलवे अधिकारियों ने राहत की सांस ली थी। लेकिन आइबी के आतंकी साजिश से इंकार के बाद जांच की दिशा बदले जाने की संभावना है। महाप्रबंधक उत्तर रेलवे ने जांच कमेटी की घोषणा कर दी है। टीम ने अभी तक आकर जांच शुरू नहीं है। उससे पहले स्थानीय स्तर सभी प्रकार की जांच पूरी कराकर रिपोर्ट बना ली गई है जो जांच कमेटी को सौंपी जाएंगी।
इसके साथ ही रेल लाइन के क्षतिग्रस्त टुकड़े फोरेंसिक लैब भेजे जा चुके हैं। इन सभी की रिपोर्ट के अध्ययन, राज्यरानी एक्सप्रेस के ड्राइवर, गार्ड, टीटीई, ट्रैकमैन, पीडब्ल्यूआइ, यात्रियों के बयान लिए जाएंगे। इसके साथ ही घटना के बाद ट्रैक, कोच सहित अन्य जांच करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों के भी बयान रिकार्ड करने के बाद किसी नतीजे पर पहुंचा जाएगा। इसके तहत 16 और 17 अप्रैल को कोच का आकार लिया गया था। इसमें कोच में खराबी नहीं मिलने की बात आई थी। रिपोर्ट बनकर तैयार हो चुकी है।
लेकिन इससे पहले एक बार फिर ट्रैक के रख-रखाव में खामी को दरकिनार करने की कोशिश शुरू हो चुकी हैं। दुर्घटनाग्रस्त राज्यरानी के सात कोच रामपुर यार्ड में खड़े कर दिए गए हैं। जबकि तीन को घटनास्थल के नजदीक ही उलटा दिया गया। बुधवार को एक बार फिर से टीम को भेजकर बोगियों का आकार लिया गया। इसमें कोशिश यह थी कि किसी प्रकार से कोच में कोई खराबी निकल आए तो इस प्रकरण की जांच में अधिकारियों की फंस रही गर्दन को बचाया जा सकता है।
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कारण यह है कि ट्रेन मुरादाबाद मंडल की नहीं है। कोच में खराबी मिलती है तो दूसरा मंडल इसमें सीधे-सीधे शामिल हो जाएगा। जांच करने वाली टीम में टीम में टीआइ बरेली सिद्दीकी, अफरोज खां सीएलआइ मुरादाबाद, आरपी सिंह, एके वर्मा एसएसई कैरिज एंड वैगन मुरादाबाद, आरपी त्रिपाठी एसएसई पी-वे चन्दौसी, पीपी सिंह एसएसई पी-वे रामपुर शामिल रहे।
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