¨हदू कालेज ने आरटीआइ का दिया गलत जवाब
मुरादाबाद : ¨हदू कालेज प्रशासन सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मांगी जानकारी में तथ्यों को छुपाकर
मुरादाबाद :
¨हदू कालेज प्रशासन सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मांगी जानकारी में तथ्यों को छुपाकर गलत सूचनाएं उपलब्ध करा रहा है। गलत सूचना दिए जाने पर संबंधित व्यक्ति जिलाधिकारी व उच्च शिक्षा अधिकारियों से शिकायत की है। इस संबंध में उच्च क्षेत्रीय शिक्षा अधिकारी ने कालेज से जांच कर तथ्य प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। शिकायतकर्ता का आरोप है कि कालेज द्वारा समझौते का दबाव बनाया जा रहा है।
सुनील कुमार सिंह एडवोकेट ने ¨हदू कालेज के जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत रसायन शास्त्र विभाग के प्रवक्ता अमर सिंह के संबंध में जानकारी मांगी थी कि जब वह गत तीन-चार वर्षो से देखने में असमर्थ हैं तो क्या उनको पद पर तैनाती और नियमानुसार वेतन मिल सकता है। साथ ही अमर सिंह द्वारा आंखों का मेडिकल कराकर विभाग या कालेज को जो सूचना दी थी, वह भी मांगी थी। जब समय सीमा के अंतर्गत सूचना नहीं मिली तो उन्होंने जिलाधिकारी से इसकी शिकायत की। इसके बाद कालेज द्वारा भेजी गई सूचना में बताया कि एसोसिएट प्रो. डॉ. अमर सिंह ब्लाइंड नहीं है और उन्हें नियमानुसार वेतन दिया जा रहा है। साथ ही डॉ. अमर सिंह द्वारा आंखों से संबंधित पत्राजात प्रस्तुत नहीं करने की जानकारी दी गई। सुनील कुमार ने तथ्यों को छुपाकर गलत सूचना प्रदान करने का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी व क्षेत्रीय उच्च शिक्षा निदेशक से मामले में जांच कराकर डॉ. अमर सिंह का चेकअप कराने की मांग की। इसके बाद उच्च क्षेत्रीय शिक्षा अधिकारी ने कालेज को जांच भेजी है।
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इनसेट..
नहीं लगा प्राचार्य का फोन
प्रकरण से संबंधित जानकारी लेने के लिए जब कालेज के प्राचार्य डॉ. एके अग्रवाल को फोन किया गया तो उनका फोन स्विच ऑफ मिला।
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वर्जन..
मैंने डॉ. अमर सिंह से संबंधित आरटीआइ मांगी थी। पहले तो एक महीने तक सूचना ही नहीं दी गई। अपील करने के बाद गलत सूचना उपलब्ध कराई गई। अब कालेज के एक शिक्षक के जरिए से हमारे रिश्तेदारों के माध्यम से समझौते का दबाव बनाया जा रहा है। यह मेरा व्यक्तिगत स्वार्थ नहीं है। मेरे क्लाइंट का मामला है।
सुनील कुमार, एडवोकेट।
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मेरे पास आरटीआइ में गलत सूचना देने का पत्र आया है। एक हफ्ता पहले मैंने कालेज प्रशासन को तथ्यों के साथ सूचना उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे, लेकिन अभी तक उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया है।
डॉ. आरपी यादव, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, बरेली।