बैंक कर्मचारियों को खातों में जमा धनराशि का देना होगा हिसाब
मुरादाबाद : काला धन रखने वालों से मिलीभगत कर उसे व्हाइट मनी में बदलने वाले बैंक कर्मचारी भी जांच के
मुरादाबाद : काला धन रखने वालों से मिलीभगत कर उसे व्हाइट मनी में बदलने वाले बैंक कर्मचारी भी जांच के दायरे में आ गए हैं। बैंकों ने आयकर, आइबी, ईडी सहित अन्य जांच एजेंसियों के साथ ही अपनी आंतरिक जांच शुरू कर दी है। बैंकों ने उन कर्मचारियों की सूची तैयार कराई है जिन्होंने नोटबंदी के बाद से अपने खाते में एक लाख या उससे अधिक की धनराशि जमा की है। इन सभी को इस धनराशि का हिसाब देना होगा।
नोटबंदी के बाद से बैंकों से नोट बदलने के मामले में बैंक कर्मचारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। जहां लोग बैंकों में आए दो हजार के एक एक नोट के लिए तरस रहे हैं, वहीं कुछ लोगों के हाथों में पहुंची दो हजार के नोटों की गड्डियां मिलीभगत की ओर इशारा कर रही हैं। काला धन रखने वाले और बैंक कर्मियों की मिलीभगत को आधार बनाकर जांच एजेंसियों के अलावा आयकर विभाग के साथ ही बैंक प्रशासन भी सक्रिय है। बैंक प्रशासन ने उन कर्मचारियों की सूची बनवाई है जिन्होंने आठ नवंबर के बाद अपने खातों में एक लाख या उससे अधिक रुपये जमा किए हैं। इसमें विशेष रूप से वेतन खातों को शामिल किया गया है। बैंक कर्मियों को इसका हिसाब देना होगा। माना जा रहा है कि नोट बदलने की प्रक्रिया के दौरान कर्मचारियों ने मिलीभगत कर काले धन को छोटे नोटों में बदलने में मदद की थी। इसके बदले उन्हें कमीशन भी मिला। बाद में उस पैसे को अपने-अपने खातों में तय सीमा से नीचे जमा कर दिया गया। मुरादाबाद के एक राष्ट्रीयकृत बैंक ने अपने ऐसे कर्मचारियों की लिस्ट तैयार कर ली है। बैंक प्रबंधक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि लिस्ट तैयार कर ली गई है। हालांकि यह एक नियमित जांच के तौर पर है। लेकिन इस प्रकार से लिस्ट बनने से संदिग्ध तौर पर पैसा जमा करने वाले जरूर फंसेंगे। अगर एक लाख रुपया जमा कराया है तो उसका हिसाब भी देना होगा। जरूरी है कि उनके वेतन खाते से एक लाख रुपये निकाले गए हों।