बुद्धाराम के दीपक से झुलस रही चाइनीज झालर
संवाद सहयोगी, पाकबड़ा : चाइनीज उत्पादों के बहिष्कार के लिए हर जगह आवाज बुलंद हो रही है। दीपावली पर लो
संवाद सहयोगी, पाकबड़ा : चाइनीज उत्पादों के बहिष्कार के लिए हर जगह आवाज बुलंद हो रही है। दीपावली पर लोगों ने चाइनीज झालर और अन्य सामानों के इस्तेमाल से मना कर दिया है। असमोली थानाक्षेत्र के मढ़न गांव में तो कई वर्षो से चाइनीज सामानों का प्रयोग नहीं किया जा रहा है। इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं बुद्धाराम प्रजापति। वह हजारों दीप बनाकर ग्रामीणों के साथ गांव में रोशनी कर रहे हैं। उनकी पीढि़यां लगातार चाइनीज सामान का विरोध करती आई हैं। ग्रामीण भी इस काम में उनका पूरा साथ दे रहे हैं।
मढ़न गंाव के बुद्धाराम प्रजापति (50) के अनुसार एक बुग्गी मिट्टी आठ सौ रुपये से लेकर एक हजार रुपये तक मिलती है। इससे 30 हजार दीये तैयार हो जाते हैं। इनको बनाने में एक सप्ताह से 10 दिन लग जाते हैं। दीये तैयार होने के बाद उनमें आकर्षक डिजाइन बनाकर रंग भरे जाते हैं। बाजार में दीये 50 पैसे से लेकर एक रुपये में बिकते हैं। लेकिन बुद्धाराम इन दीयों को मुफ्त में लोगों को देते हैं। इस साल चाइनीज उत्पादों के विरोध के मद्देनजर बुद्धाराम ने तीन गुना दीया बनाने का निर्णय लिया है। मान्यता है कि दीपावली पर मिट्टी केदीये से महालक्ष्मी का पूजन किया जाता है। घर, आगन की मुंडेर पर मिट्टी के दीये जलाने से मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है। इस बार दीपावली पर ग्रामीण इलाकों में मिट्टी के दीये के प्रति लोगों का रुझान बढ़ने लगा है। मिट्टी के दीये से निकलने वाले तेल और घी के धुएं से बिजली तो बचेगी ही साथ ही मच्छर भी भाग जाएंगे।