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एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने के बाद भी निगरानी करें

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : आवारा आतंक के काटने पर एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगवाना जरूरी है। इसमें

By Edited By: Published: Thu, 29 Sep 2016 02:41 AM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2016 02:41 AM (IST)
एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने के बाद भी निगरानी करें

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद :

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आवारा आतंक के काटने पर एंटी रैबीज का इंजेक्शन लगवाना जरूरी है। इसमें लापरवाही नहीं होने चाहिए। कुत्ते पर निगरानी रखें, दस दिन में कुत्ते की मौत हो जाए तो चिकित्सक को जरूर बताएं।

आवारा आतंक का खौफ घनी आबादी में बढ़ता जा रहा है। नगर निगम से लोगों ने कुत्तों को जंगल में छुड़वाने की शिकायतें भी की, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा। विशेषज्ञ चिकित्सकों के मुताबिक अगर आवारा आतंक काट ले तो फौरन ही पानी से जख्म को धोना शुरू कर दें। साबुन लगाकर भी जख्म की सफाई करें। दस दिन तक कुत्ते पर निगरानी जरूरी है। कुत्ते की मौत होने पर चिकित्सक को बताना जरूरी है, तभी चिकित्सक एंटी रैबीज डोज का शेडयूल बदलेंगे।

एंटी रैबीज की बढ़ी संख्या

आवारा आतंक के काटने की वजह सप्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि एंटी रैबीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। मरीजों को परेशानी नहीं होने दी जाएगी।

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आवारा कुत्तों को पकड़ने को लेकर बोर्ड बैठक में पार्षदों ने सुझाव रखे थे। शीघ्र ही महापौर के साथ वार्ता करके इसका निस्तारण किया जाएगा।

संजय कुमार सिंह, नगर आयुक्त


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