ऊं शिव हरि मनोकामना मंदिर
रामगंगा विहार स्थित ऊं शिव हरि मनोकामना मंदिर वाली जगह पर सबसे पहले चमुंडा जी की सिर्फ मूर्ति खुले म
रामगंगा विहार स्थित ऊं शिव हरि मनोकामना मंदिर वाली जगह पर सबसे पहले चमुंडा जी की सिर्फ मूर्ति खुले में रखी थी। वर्ष 1992 में कालोनी निवासी गिरिजा शंकर गुप्ता ने आसपास कोई अन्य मंदिर न होने पर इस स्थान पर एक भव्य मंदिर स्थापित करने का मन बनाया और जीर्णोद्धार शुरू कराया। इसके बाद ऊं शिव हरि मनोकामना मंदिर समिति बनाकर कालोनी वालों को सुपुर्द कर दिया। वर्तमान में समिति अध्यक्ष कृष्ण लाल सिक्का, प्रबंधक वेद प्रकाश कमेटी और अन्य पदाधिकारियों की देखरेख में मंदिर की व्यवस्थाएं चल रही हैं।
--------
मान्यता
माना जाता है कि मंदिर में जो भी भक्त अपनी मुराद लेकर आता है और सच्चे मन से पूजा अर्चना करके अनुष्ठान कराते हुए भगवान के सामने रखता है, उसकी मन्नत भोलेनाथ जरूर पूरी करते हैं। मन्नत पूरी होने के बाद भक्त अनुष्ठान कराते हैं। सावन माह में कांठ रोड से गुजरने वाले कांवड़िये भी मंदिर में आकर पूजा अर्चना करते हैं।
-----
पंडित जी बोले
पुजारी हरीश चंद्र जोशी ने बताया कि मंदिर में शिवलिंग समेत शिव परिवार, राम दरबार, दुर्गा माता, हनुमान जी, काली जी, शनि महाराज की प्रतिमाएं स्थापित हैं। सावन के सोमवार में सुबह से ही विशेष पूजन कार्यक्रम शुरू हो जाते हैं। शाम को महिलाओं का कीर्तन होता है, जिसमें वे शिव महिमा का गुणगान करती हैं। इसके अलावा सावन माह में कांवड़ियों के लिए भी विशेष व्यवस्था रहती है। उनके ठहरने, खाने-पीने, स्नान-ध्यान की पूरी व्यवस्था मंदिर में है।
-------
मंदिर पहुंचने का रास्ता
मंदिर पहुंचने के लिए कांठ रोड पर किले के सामने से जा रहे रास्ते पर चलते हुए बाएं हाथ के दूसरे मोड़ पर अंदर जाना होगा। मुड़ने के बाद करीब बीस कदम चलने पर ही दाहिने हाथ पर मंदिर है।