फर्जी प्रमाण पत्रों से एमडीए ने बांटे करोड़ों के ठेके
रितेश द्विवेदी, मुरादाबाद: फर्जी प्रमाण पत्रों के दम पर प्राधिकरण को खोखला और कंगाल बनाने की साजि
रितेश द्विवेदी, मुरादाबाद:
फर्जी प्रमाण पत्रों के दम पर प्राधिकरण को खोखला और कंगाल बनाने की साजिश का खुलासा एक बार फिर हो गया है। प्राधिकरण के चार ठेकेदारों ने इस कार्य को अंजाम दिया है। शासन से शिकायत के बाद ठेकेदारों की गोपनीय जांच कराई गई। तीन माह की जांच रिपोर्ट में कुछ ऐसे ठेकेदार शामिल हैं जो महज पांच साल पहले कबाड़ी का काम करते थे, लेकिन आज प्राधिकरण की ठेकेदारी के दम पर बड़े कारोबारियों में शुमार होने लगे। नवंबर 2015 में इन चार ठेकेदारों की शिकायत लाजपत नगर स्थित निरंजन एसोसिएट ने मुख्यमंत्री के साथ ही प्रमुख सचिव और मंडलायुक्त से की थी। मामला प्रकाश में आने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय भी हरकत में आ गया। मामले की जांच लगभग पूरी हो गई। जो तथ्य जांच में सामने आए हैं, वो वाकई हैरान कर देने वाले हैं।
नया मुरादाबाद में सोर्सिग हब एवं वेयर हाउस निर्माण का ठेका एमडीए ने दिया था। वर्ष 2009 में इस भवन के निर्माण का ठेका वीआर कंस्ट्रक्शन को आवंटित किया गया। ठेकेदार ने अट्ठारह करोड़ रुपये का आर्च एड कंसलटेंट लारेंस रोड दिल्ली के फर्जी पते और प्रमाण पत्र पर ठेका आवंटित करा लिया। प्राधिकरण की जांच में ऐसी किसी कंपनी और दर्ज पते के संबंध में कोई जानकारी नहीं मिली। वहीं इस फर्म ने काशी विश्वनाथ स्टील के नाम से फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र भी लगाया था। जिसकी पुष्टि केवीएस के डायरेक्टर देवेंद्र कुमार अग्रवाल ने प्राधिकरण को पत्र भेजकर की। प्राधिकरण के विभिन्न ठेकों में चार ठेकेदारों ने मिलकर लगभग नब्बे करोड़ से अधिक के टेंडर फर्जी अनुभव प्रमाण पत्रों पर लिए हैं। वहीं इनके कराए गए कार्यो को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। जिनमें सोर्सिग हब, हर्बल पार्क, कांठ रोड के साथ ही नया मुरादाबाद में बनने वाले चौसठ आवासों के नाम शामिल हैं।
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पूर्व सीएम के मूर्तिकार का लगाया फर्जी सर्टिफिकेट
मायावती के शासनकाल में लखनऊ में अंबेडकर पार्क में मूर्तियों का शानदार कार्य कराने वाले राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित प्रसिद्ध मूर्तिकार रामसुतार की कंस्ट्रक्शन कंपनी का भी फर्जी प्रमाण पत्र हर्बल पार्क के ठेके को प्राप्त करने में लगाया गया है। लगभग तेरह करोड़ रुपये के इस ठेके को प्राप्त करने के लिए मेसर्स चन्द्रभान ने यह सर्टिफिकेट लगाया। जांच के दौरान अधिकारियों को मूर्तिकार ने इस बारे में स्पष्टीकरण पत्र भी दिया गया है जिसमें यह बताया गया है कि उन्होंने मेसर्स चंद्रभान को कोई अनुभव प्रमाण पत्र नहीं दिया है। जबकि मुख्यमंत्री के सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में हर्बल पार्क शामिल है।
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कांठ रोड सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट हासिल करने में भी धांधली
कांठ रोड को शहर की सबसे सुंदर सड़क बनाने के प्रोजेक्ट को हासिल करने में धांधली हुई है। प्राधिकरण से इस ठेके को प्राप्त करने के लिए मेसर्स राकेश सिंह व दिनेश ठाकुर ने हाट मिक्स प्लांट के फर्जी एंग्रीमेंट प्रपत्र का सहारा लिया। जांच में यह बात सामने आ चुकी है। कांठ रोड चौड़ीकरण के लिए प्राधिकरण लगभग छह करोड़ रुपये खर्च कर रहा है।
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आरईएस का लगाया फर्जी प्रमाण पत्र
नया मुरादाबाद में चौसठ भवनों के निर्माण ठेके को भी फर्जी प्रमाण पत्रों से हासिल करने की बात सामने आई है। करोड़ों की लागत से तैयार होने वाले इन भवनों का ठेका मेसर्स एमएन को दिया गया है। ठेकेदार द्वारा आरईएस का फर्जी प्रमाण पत्र लगाने की बात सामने आई है।
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मुख्यमंत्री को भेजी गई रिपोर्ट
ठेका प्राप्त करने में की गई धांधली की रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी जा रही है। लगभग तीन माह तक चली जांच के बाद प्राधिकरण के एक अफसर ने रिपोर्ट तैयार कर ली है।
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वर्जन----
शिकायत पत्र की जांच चल रही है। जो रिपोर्ट आएगी उसे उच्चाधिकारियों के साथ ही शासन को भेजकर उचित कार्रवाई की जाएगी। यह सभी मामले मेरे कार्यकाल के नहीं है।
जंग बहादुर सिंह यादव, उपाध्यक्ष, मुरादाबाद विकास प्राधिकरण
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वर्जन
यह मामला बेहद गंभीर है। फर्जी प्रमाण पत्रों की जांच आख्या का मैं स्वयं अवलोकन करूंगा। इसके साथ ही मंडलायुक्त की निर्देशानुसार शासन को भी जांच रिपोर्ट भेजी जाएगी।
-जुहैर बिन सगीर, जिलाधिकारी एवं प्रभारी कमिश्नर, मुरादाबाद।