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गोद के खेल में कुपोषण मानक भी फेल

मुरादाबाद । 'सरकार' के फरमान पर जिन गांवों को अफसरों ने गोद लेने का चयन किया, उसमें कुपोषण के मानक क

By Edited By: Published: Wed, 26 Nov 2014 01:07 AM (IST)Updated: Wed, 26 Nov 2014 01:07 AM (IST)
गोद के खेल में कुपोषण मानक भी फेल

मुरादाबाद । 'सरकार' के फरमान पर जिन गांवों को अफसरों ने गोद लेने का चयन किया, उसमें कुपोषण के मानक का भी ख्याल नहीं रखा गया। दफ्तर में ही बैठकर गांव को सूचीबद्ध कर लिया गया है। जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी द्वारा चयनित गांवों की आबादी ही अधिकतम दो हजार है। मजेदार बात यह है कि यह गांव कुपोषित बच्चों की सूची में भी टॅाप पर नहीं है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तर्ज पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी अफसरों को दो-दो गांव गोद लेने का फरमान जारी किया है। हालांकि सरकार की दूरगामी योजना गांवों का प्राथमिकता के आधार पर विकास कराने की है। वर्तमान में इन्हें कुपोषण मुक्त करने का एजेंडा तैयार किया है। जिलाधिकारी दीपक अग्रवाल ने मूंढापांडे ब्लाक के लक्ष्मीपुर कंट्टई का चयन किया है, यह गांव लोहिया गांव होने के अलावा कम आबादी वाला है। इसमें डेढ़ हजार के आसपास लोग रहते हैं। यह सही है कि इस ब्लाक में जिले के सर्वाधिक कुपोषित बच्चे हैं, लेकिन लक्ष्मीपुर कंट्टई से ज्यादा देवापुर, सिरसखेड़ा, बरबाला खास सहित कई गांवों की स्थिति खराब हो सकती है। कुंदरकी ब्लाक के सब्जीपुर की स्थिति भी ऐसी ही है, यहां की आबादी भी दो हजार से कम है। साथ ही दूसरे गांवों की अपेक्षा यहां कुपोषण की स्थिति फिर भी सही मिलेगी। सीडीओ द्वारा गोद लिया गया गांव मुरादाबाद ब्लाक का गांव हाशमपुर की आबादी भी दो हजार से अधिक नहीं है,कुपोषित बच्चों की टॅाप सूची में इसका नाम नहीं है। यहां से ज्यादा बच्चे भैसिया व पाकबड़ा आदि में है। छजलैट ब्लाक के सिकंदराबाद गांव की आबादी भी दो हजार के आसपास ही है। ब्लाक में सबसे बड़ा गांव सलेमपुर, गढ़ी, बीबीपुर आदि हैं। इनमें कुपोषित बच्चों की संख्या अधिक हो सकती है। अफसरों ने कुपोषण को प्राथमिकता देने के अपनी सुविधानुसार गांवों का चयन कर लिया गया।

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ऐसे होते हैं चिह्नित

-कुपोषित बच्चों के चयन के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों को मानक माना जाता है। एक केंद्र के अधीन पांच बच्चे कुपोषित मिलने पर गांव में अधिक कुपोषित बच्चों को मान लिया जाता है। एक केंद्र एक हजार की आबादी पर स्थापित किया जाता है। जिन गांवों का चयन किया गया है, वह कुपोषित बच्चों की सूची में टॅाप पर भी नहीं है।

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ब्लाक भी कर दिए नजरअंदाज

-जिले के कुंदरकी (डींगरपुर) ब्लाक का गांव सब्जीपुर चयनित किया है। इस ब्लाक में 4543 बच्चे कुपोषित हैं। इसके विपरीत भगतपुर में 8741 बच्चे कुपोषित हैं। मुरादाबाद ब्लाक का गांव हाशिमपुर चयनित किया है, इस ब्लाक में सबसे कम 4548 बच्चे कुपोषित हैं। मूंढापांडे व छजलैट में जरूर अधिक बच्चे कुपोषित हैं। इसके अलावा ठाकुरद्वारा, बिलारी, डिलारी आदि ब्लाक में छह हजार के आसपास बच्चे कुपोषित हैं। इनका एक भी गांव चयनित नहीं किया है।


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