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भोजपुर में फिर पैर पसारने लगा बुखार

By Edited By: Published: Wed, 30 Jul 2014 12:11 AM (IST)Updated: Wed, 30 Jul 2014 12:11 AM (IST)
भोजपुर में फिर पैर पसारने लगा बुखार

मुरादाबाद। भोजपुर में बुखार फिर से पैर पसारने लगा है। अभी स्थिति विकराल तो नहीं हुई है लेकिन चिंताजनक जरूर है। भोजपुर के सरकारी अस्पताल में ही रोजाना बुखार के 25 से 30 नए मरीज आ रहे हैं। निजी डाक्टरों के यहां तो भीड़ बढ़ती ही जा रही है। सरकारी तौर पर तो मलेरिया फैलने की स्थिति नहीं है लेकिन निजी डाक्टरों का कहना है कि मलेरिया का प्रकोप बढ़ रहा है।

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पिछले साल अगस्त-सितंबर में भोजपुर क्षेत्र में जानलेवा बुखार ने तकरीबन तीस से ज्यादा जान ले ली थीं। हर घर में ही बुखार के मरीज थे। स्वास्थ्य महकमा इस बुखार को सामान्य बताता रहा। हालात ज्यादा बिगड़े तो मंडलायुक्त शिवशंकर सिंह व तत्कालीन जिलाधिकारी संजय कुमार को खुद भोजपुर जाना पड़ा। अफसरों की फटकार के बाद स्वास्थ्य महकमा हरकत में आया था। हालात इतने ज्यादा खराब हो गए थे कि भोजपुर में स्वास्थ्य विभाग की टीमों को बीस दिन तक कैंप करना पड़ा था। वहीं पर खून का सैंपल लेने की व्यवस्था करनी पड़ी थी। जिला अस्पताल के अलावा केंद्रीय पुलिस अस्पताल में भी मरीजों के भर्ती होने की व्यवस्था की गई थी। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, उस वक्त भोजपुर में करीब छह हजार लोग बुखार से पीडि़त थे।

प्रदेश के संचारी रोग निदेशक व मेरठ मेडिकल कालेज की टीम को भी मुरादाबाद आना पड़ा था। इन दोनों ही टीमों ने भी इसे सामान्य वायरल बुखार ही बताया था। तीस से ज्यादा सैंपल संचारी रोग प्रयोगशाला भेजे गए थे। स्वास्थ्य विभाग व संचारी रोग विंग की पोल तब खुली जब दो महीने बाद आई रिपोर्ट में इनमें से दस रोगियों में डेंगू पाजिटिव होने की पुष्टि हुई थी। यानी भोजपुर में डेंगू का प्रकोप था।

इस साल भी भोजपुर क्षेत्र में बुखार का प्रकोप शुरू हो गया है। सरकारी अस्पताल में रोजाना की ओपीडी औसतन डेढ़ सौ मरीजों की है। इन डेढ़ सौ में रोजाना 25 से 30 नए मरीज बुखार के आ रहे हैं। पहले से ही बुखार पीड़ितों के उपचार की बात करें तो रोजाना 60-70 मरीज बुखार के ही आ रहे हैं। यानी ओपीडी में आने वाले आधे मरीज बुखार से पीडि़त हैं।

निजी डाक्टरों में स्वास्थ्य महकमे का खौफ

पिछले साल मीडिया को बुखार से संबंधित रिपोर्ट बताने पर स्वास्थ्य विभाग ने निजी डाक्टरों व पैथ लैब संचालकों के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार किया था। डेंगू पाजिटिव रिपोर्ट देने के मामले में तो भोजपुर की एक पैथोलोजी लैब को सील कर दिया गया था। साथ ही महानगर के अस्पतालों व पैथ लैब संचालकों को डेंगू से संबंधित मामलों की सीधे स्वास्थ्य महकमे को रिपोर्ट करने को कहा गया था। इसके चलते इस बार निजी डाक्टर या पैथलैब संचालक खुलकर कुछ नहीं बोल रहे हैं। हरपाल नगर स्थित एक फिजीशियन ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पिछले एक हफ्ते से भोजपुर क्षेत्र से मलेरिया पीडि़त रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है।

भोजपुर क्षेत्र में स्थिति सामान्य है। इन दिनों जो भी बुखार के मरीज आ रहे हैं, वे सामान्य मौसमी बुखार के हैं, हम पूरी तरह मुस्तैद हैं, बुखार के मरीजों की स्लाइड बनाई जा रही हैं, बाकी सारे उपाय भी किए जा रहे हैं, अभी तक काई असामान्य स्थिति सामने नहीं आई है'

- डा. प्रकाश एसीएमओ/ नोडल अफसर, भोजपुर क्षेत्र

बुखार होने पर ये करें उपाय

- तत्काल किसी डाक्टर को दिखाएं

- वायरल बुखार का असर एक हफ्ते रहता है।

- लगातार ठंड देकर बुखार आए तो इसे हल्के में न लें।

- तीन दिन से ज्यादा बुखार आने पर खून की जांच जरूर कराएं।

- बुखार होने की स्थिति पर डाइट पर विशेष ध्यान दें।

इन पर ध्यान दें

- घरों के आसपास पानी जमा न होने दें

- कूलरों की नियमित सफाई जरूर करें

- गंदगी व पेयजल स्रोतों पर विशेष ध्यान दें

- यदि बरसाती पानी जमा हो रहा है तो उसमें थोड़ा डीजल डाल दें

-बच्चों को रात में खुले में न सुलाएं और कपड़े पहनाकर सुलाएं।


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