रात में सेक्सी बात, बिल ने उड़ाए होश
उमेश लव, मुरादाबाद। देश विदेश में रात भर प्यार की बातें की गईं, जब टेलीफोन का बिल आया तो कारोबारी के होश उड़ गए। उनका कहना है किजिस नंबर पर ये कॉल की गईं, वह फर्म में लगा था और फर्म रात में बंद रहती है। अब सवाल यह है कि इस काम को अंजाम किसने दिया।
महानगर के गलशहीद थानाक्षेत्र के प्रिंस रोड पर मैटल प्रोडक्ट ऑफ इंडिया निर्यात फर्म है। इसके मैनेजिंग पार्टनर फैसल जब्बार हैं जो फर्म के ऊपर ही परिवार समेत रहते हैं। फर्म में आइएसडी टेलीफोन (0591-2478800) लगा है। लगभग चार साल से इस टेलीफोन का मासिक बिल 13 से 15 हजार रुपये आता था, लेकिन इस साल मार्च का बिल देखकर निर्यातक फैसल जब्बार के होश उड़ गए, क्योंकि बिल एक लाख 48 हजार 666 रुपये का था। निर्यातक ने शिकायत की तो बीएसएनएल के अधिकारियों ने रात-रात भर विदेशों में बात होने की जानकारी दी। अभी बिल पर कोई निर्णय नहीं हुआ था कि अप्रैल का बिल आ गया। यह 4 लाख 32 हजार 881 रुपये का बिल था। यह देखकर निर्यातक चौंक गए, क्योंकि पहले बिल के विवाद के कारण उन्होंने पूरे माह कहीं भी आइएसडी काल्स नहीं की थी। इस मसले पर फर्म मैनजर-सलाहकार वसीम अहमद गुरुवार को एसएसपी कार्यालय पहुंचे तो एसपी ग्रामीण ने पूरे मामले को सुनने के बाद सीओ जगदीश सिंह के पास भेज दिया। जिन्होंने पूरे प्रकरण की जांच साइबर क्राइम सेल के देवकीनंद गुप्ता को सौंपी है।
इन देशों में हुई रात-रात भर बातें
-बीएसएनएल के रिकार्ड में निर्यात फर्म से दो माह में जो आइएसडी काल्स हुई हैं,उनमें बहेरीन, कांगो, लीबिया, माली, अफगानिस्तान, वोस्निया, कैमरून, जांबिया, घाना, कैनरी आइसलैंड, क्यूबा, पूर्वी तिमोर, गैगलो, जमैका और लातिबा आदि देश शामिल हैं।
-निर्यात फर्म से रात आठ से सुबह आठ बजे के बीच बातें हुई हैं और यह ऐसी फोन काल्स हैं, जिन पर मौजमस्ती, प्रेम भरी और सेक्सी बातें हुई हैं। निर्यातक को पूरी जानकारी दे दी गई है। काल्स फर्म से ही हुई हैं, क्योंकि निर्यातक के यहां कनेक्शन में ओएफसी केबिल लगा है और ऐसे कनेक्शन सीधे एक्सचेंज की कंप्यूटर निगरानी में होते हैं।
कौसर खा, महाप्रबंधक,बीएसएनएल
-फर्म रात में बंद हो जाती है। आइएसडी कनेक्शन होने के कारण फोन हमेशा लॉक रहता है और पासवर्ड मेरे अलावा किसी को नहीं पता। बच्चे बाहर पढ़ते हैं। ऐसे में रात में फोन पर किसने विदेशों में बात की, यह जांच का विषय है और स्थिति साफ होनी चाहिए क्योंकि यह धोखाधड़ी का मामला बनता है।
फैसल जब्बार
मैनेजिंग पार्टनर,मै. मैटल प्रोडक्स ऑफ इंडिया
मैनेजिंग पार्टनर सिर्फ जर्मनी, यूरोप और यूएई आदि में ही बातें करते थे। हमारी पहली ही शिकायत पर बीएसएनएल को कनेक्शन काट देना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इस प्रकरण में भी रूड़की में वर्ष 2010 के प्रकारण की तरह विभागीय अफसरों की साठगांठ हो सकती है। पुलिस की जांच जरूरी है।
वसीम अहमद
फर्म मैनेजर-सलाहकार
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