किसानों की जमीन पर लहलहाएगी जड़ी-बूटियों की खेती
मीरजापुर : किसानों की जमीन पर विलुप्त हो रहीं जीवन रक्षक औषधियों के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय औद्यानिक मिशन योजना अंतर्गत एक करोड़ की योजना बनायी गयी है। किसानों की जमीन पर औषधियों का रोपण किया जायेगा लेकिन प्रचार-प्रसार के अभाव में योजना को अमली जामा नहीं पहनाया जा सका है। आंकड़ों पर गौर करें तो विंध्य क्षेत्र के घने जंगलों में सतावर, सफेद मुसली, तुलसी, घृत कुमारी, सर्प गंधा, अश्वगंधा समेत 50 से ज्यादा प्रजाति की जड़ी-बूटियां पायी जाती थीं। वैद्य इन जड़ी-बूटियों का उपयोग इलाज के लिए करते हैं। धीरे-धीरे जंगल कटते जा रहे हैं और औषधियां भी विलुप्त होती जा रही हैं। जिला उद्यान अधिकारी बृजलाल राम का कहना है कि औद्यानिक मिशन के तहत जड़ी-बूटियों की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। अनुदान पर खेती भी करायी जा रही है। दो साल में करीब 50-60 हेक्टेअर जमीन पर खेती की जा रही है। किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। प्रयास किया जा रहा है कि ज्यादा से ज्यादा किसानों को मिशन का लाभ मिले। जिले के दो दर्जन गांवों में लाखों का बजट खर्च कर औषधीय उद्यान का निर्माण कराया गया है। हालांकि संरक्षण के अभाव में औषधियां सूखने लगी हैं। उनका रखरखाव नहीं हो पा रहा है। किसानों को औषधीय खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाय तो लाभ मिल सकता है। विभाग का प्रयास है कि किसानों को औषधीय खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाय। उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मार्च में प्रशिक्षण के लिए किसानों का एक दल देश भ्रमण पर गया हुआ है। उप निदेशक उद्यान डॉक्टर भूपेंद्र वीर सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया है। अभी किसानों का दल भ्रमण से लौटा नहीं है। दावा किया जा रहा है कि किसानों का भाग्य संवर जायेगा।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर