मलबों से पटे तालाब, जीर्णोद्धार बना ख्वाब
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जिले में अधिकांश तालाब बदहाल हो चुके हैं। लाखों रुपये खर्च कर मनरेगा से
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जिले में अधिकांश तालाब बदहाल हो चुके हैं। लाखों रुपये खर्च कर मनरेगा से नए तालाब बनाए जा रहे हैं लेकिन पुराने तालाबों के जीर्णोद्धार की योजना नहीं बन पा रही है। तालाबों से अतिक्रमण न हटाए जाने से अस्तित्व मिटता जा रहा है। सिटी विकास खंड के चंदईपुर तालाब में जलकुंभी फैली है। सड़ांध से बुरा हाल है। दशक भर के दौरान एक बार भी सफाई नहीं हुई। तालाब में कूड़े-कचरे फेंके जा रहे हैं। इससे तालाब पटता चला जा रहा है। तालाब पाटने का काम सोची समझी रणनीति के अंतर्गत किया जा रहा है। इसी तरह काशीभोला तालाब के जीर्णेाद्धार की योजना कभी नहं बनी। यह तालाब लोहंदी गांव में स्थित है। बथुआ तालाब पर तो आसपास के लोग कब्जा कर रहे हैं। मलबा फेंका जा रहा है। इसके पूर्व सदर एसडीएम ने तालाब को पाटने पर पाबंदी लगा दी थी। कूड़ा गिराने पर कड़ी फटकार लगाई थी। तालाबों के सजाने-संवारने का काम ग्राम पंचायतें कर सकती हैं लेकिन पंचायतें उदासीन बनी हुई हैं। तालाबों की मरम्मत व पौध-रोपण का काम मनरेगा से कराया जा सकता है लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। गांव के तालाबों की बदहाली के लिए पंचायतें व नगर के तालाबों के लिए नगरपालिका जिम्मेदार हैं। पंचायतें हर एक काम के लिए सरकार के ऊपर आश्रित हैं जबकि तालाब नाली खड़ंजा सड़क का निर्माण वह स्वयं करा सकती हैं।
होगी कार्रवाई : इस संबंध में डीएम विमल कुमार दुबे ने कहा कि भू माफियाओं को चिह्नित किया जा रहा है। सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए एसडीएम को निर्देश भी दिया गया है। शासन के आदेश पर मंडल, जिला व तहसील स्तर पर कमेटी बनी है।