धान की नर्सरी की तैयारी में जुटे किसान
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जेठ शुरू होते ही किसान धान की नर्सरी डालने की तैयारी में जुट गए हैं।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : जेठ शुरू होते ही किसान धान की नर्सरी डालने की तैयारी में जुट गए हैं। वे खाद बीज के इंतजाम के साथ खेतों की तैयारी भी शुरू कर दिए हैं। धान की नर्सरी उसकी रोपाई से कम से कम बाइस दिन पहले डाली जाती है। नर्सरी डालने के 15 दिन पहले किसान नर्सरी वाले खेतों में कूड़ा करकट डालकर जला देते हैं। उनका मानना है कि खेत को जलाने से घास व तमाम प्रकार के घास के बीज जल जाते हैं। इससे उनकी नर्सरी अच्छी होती है उसका विकास अच्छा होता है। जबकि शासन प्रशासन ने खेत में कूड़ा जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
- कैसे तैयार करें खेत:
खेत को जलाने के बाद उसकी दो तीन बार ¨सचाई की जाती है। ¨सचाई करने का मकसद होता है कि खेत में तरह-तरह के घास पूस उग आते हैं। घास का जमाव होने के बाद खेत की दो-तीन जोताई की जाती है। खेत की जोताई के बाद उसकी घास को निकाल दिया जाता है, जिससे नर्सरी के साथ वह फिर से तैयार न हो जाए। उसके बाद खेत की ¨सचाई कर उसमें धान के बीज डाले जाते हैं। धान की नर्सरी 22 से पचीस दिन में तैयार हो जाती है।
- नर्सरी का समय:
धान की नर्सरी का सबसे उपयुक्त समय दस जून या उसके बाद का समय माना जाता है। इसके पहले डाली गई नर्सरी को रोगग्रस्त होने की संभावना बनी रहती है। लेकिन सांडा की खेती करने वाले किसान मई में ही नर्सरी डाल देते हैं। नर्सरी को तैयार होने के बाद उखाड़ कर दूसरे खेत में लगाया जाता है। इसको तैयार होने में कम से कम बीस दिन का समय लगता है। तैयार होने पर नर्सरी को दोबारा उखाड़ कर खेती की जाती है। किसान भाई चाहे जब नर्सरी डाले बीज को अवश्य उपचारित कर लें। इस संबंध मेंजिलाकृषि अधिकारी डाक्टर एसके ¨सह ने कहा किसान नर्सरी डालने की तैयारी में जुट जाएं।