पानी की जगह आसमान से बरस रही आग
मीरजापुर : अषाढ़ बारह दिन गुजर गया लेकिन आसमान से पानी जगह आग बरस रही है। इससे जहां लोग गर्मी-उमस स
मीरजापुर : अषाढ़ बारह दिन गुजर गया लेकिन आसमान से पानी जगह आग बरस रही है। इससे जहां लोग गर्मी-उमस से व्याकुल हैं, वही धान की नर्सरी नहीं पड़ पा रही है। बरसात न होने जायद की फसल चौपट हो गई।
भले ही वैज्ञानिक अच्छी बरसात का दावा करें लेकिन इस दावे से अब किसानों को भरोसा उठता जा रहा है। मौसम ने रूख अपना लिया है उससे बरसात के कोई लक्षण नहीं दिखाई पड़ रही है। अषाढ़ से ही बरसात शुरू हो जाती है। किसान धान की नर्सरी डालने के अलावा खेतों में जायद की फसल बोते हैं। अभी बूंदाबांदी के अलावा कोई खास बरसात नहीं हुई। किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए हुए हैं। दिन में बादल उमड़ते घुमड़ते रहते हैं। कभी ऐसा मौसम बन जाता है कि अब बरसात ज्यादा होगी। लेकिन कहीं बूंदाबांदी तो कई ऐसे ही ललचाकर आसमान से बादल छंट जाते हैं।
हलिया के किसान देवदत्त ¨सह पप्पू ने बताया कि बरसात न होने से धान की नर्सरी तो पिछड़ रही है जायद की फसल का सीजन खत्म हो रहा है। बरसात होते ही जायद की खेती में तिल मूंग अरहर बाजरा, उड़द आदि की खेती होती है। रात में पुरवा हवा का रूख होने से बरसात के कोई लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं। खरीफ की खेती एक माह पिछड़ गई। अब से बरसात हो तो उसकी नर्सरी तैयार होने में एक महीने का समय लगेगा।
बरसात न होने से खेती के अलावा पेयजल का गंभीर संकट उत्पन्न होता जा रहा है। जिले के बांध बंधिया तालाब नदी नाले पहले से सूखे हुए है। ऐसे हालात में भूगर्भ जल स्तर तेजी से नीचे भाग रहा है। ज्यादातर हैंडपंप पानी छोड़ दिए हैं। पंप भी पानी नहीं उठा रहे हैं। जो किसान अपने साधन से नर्सरी डाल दिए हैं वह पीली पड़कर सूखने लगी है। किसानों की माने तो इस साल भी सूखे का आसार नजर आ रहे हैं।