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धूल भरी आंधी व तूफान से रूकी मड़ाई

मीरजापुर: शुक्रवार की शाम से पूरी रात चली आंधी व तूफान का सिलसिला शनिवार को दोपहर तक जारी रहा। इस द

By Edited By: Published: Sat, 25 Apr 2015 10:43 PM (IST)Updated: Sat, 25 Apr 2015 10:43 PM (IST)
धूल भरी आंधी व तूफान से रूकी मड़ाई

मीरजापुर: शुक्रवार की शाम से पूरी रात चली आंधी व तूफान का सिलसिला शनिवार को दोपहर तक जारी रहा। इस द दौरान किसानों के माथे पर पसीना टपक रहा था। ठंडी हवा भी बह रही थी। किसानों को ¨चता सता रही थी कि कही बरसात न हो जाए।लेकिन बरसात न होने लोगों ने राहत की सांस ली। लेकिन मड़ाई बाधित हो गई। गेहूं का बोझ खेतों में इधर उधर उड़ गया था।

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रात भर किसान खेतों की खाक छानते रहे। किसानों को फसलों की सुरक्षा की ¨चता सता रही थी। जिले में लगभग चालीस हजार हेक्टेयर जमीन पर फसलों की कटाई नहीं हो पाई है। खलिहान में भी फसलें पड़ी हैं। पुरवा हवा की वजह से मड़ाई नहीं हो पा रही है। किसानों के सामने मुसीबत खड़ी हो गई है।

किसान जल्दी में हैं। बीच बीच में मौसम धोखा दे रहा है। शनिवार को दोपहर बाद हवा की रफ्तार धीमी पड़ी। आसमान से कड़ाके की धूप निकली तो किसानों ने राहत की सांस ली। क्या कहते हैँ कृषि वैज्ञानिक

साउथ कैंपस के कृषि वैज्ञानिक डाक्टर श्री राम ¨सह कहते हैं कि मौसम में उतार चढ़ाव इसी तरह चलता रहेगा। किसानों को इसी में फसलों की मड़ाई करनी है। दिन रात लगकर जितनी जल्दी हो सके अनाज घर में रख लें। नहीं तो जो बचा है वह भी नष्ट हो सकता है।

कितनी फसलों की होनी है मड़ाई

गेहूं- पचीस हजार हेक्टेयर

चना- दस हजार हेक्टेयर

अरहर- चार हजार हेक्टेयर।

अन्य फसलें- दो हजार हेक्टेयर।


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