मीरजापुर से नहीं चली इंटरसिटी तो होगा आंदोलन
मीरजापुर: प्रतिदिन बीस से पचीस हजार से ज्यादा यात्रियों का सफर और हर माह चार लाख से ज्यादा की आमदनी
मीरजापुर: प्रतिदिन बीस से पचीस हजार से ज्यादा यात्रियों का सफर और हर माह चार लाख से ज्यादा की आमदनी फिर भी लखनऊ से मीरजापुर के लिए सीधे कोई ट्रेन नहीं है। एक जुलाई 2011 से इंटरसिटी का परिचालन शुरू भी किया गया लेकिन उसका पड़ाव मात्र विंध्याचल स्टेशन तक ही है। मंडल मुख्यालय उससे नहीं जुड़ पा रहा है। यात्रियों को ट्रेन पकड़ने विंध्याचल जाना पड़ता है।
आठ से दस किलोमीटर चक्कर काटकर विंध्याचल जाना पड़ता है। यहां जाने के लिए लोगों को साधन भी नहीं मिलता है। ए श्रेणी का स्टेशन होने के बाद भी यात्रियों को सुविधा नहीं मिल पा रही है। रेलवे के अधिकारियों के इस निर्णय पर लोगों को तरस आ रहा है। जनप्रतिनिधियों के आश्वासन के बाद भी आजतक यह ट्रेन विंध्याचल से आगे नहीं बढ़ सकी है। स्थानीय रेलवे स्टेशन पर यात्री परेशान रहते हैं। यात्री अजय उपाध्याय, सुदामा, ललिता, रामा का कहना है कि जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से जनपदवासियों को यह सुविधा नहीं मिल पा रही है। विंध्याचल स्टेशन से आने जाने के लिए कोई साधन भी नहीं मिलता है। चाहकर भी लोग समय से नहीं पहुंच पाते हैं। चुनार निवासी रमाशंकर, रामदास, सुरेश का कहना है कि यात्रियों की सुविधा का ख्याल नहीं रखा जा रहा है। इंटरसिटी को मीरजापुर स्टेशन से चलाया जाए, नहीं तो लोग आंदोलन करने को बाध्य होंगे। रेल प्रशासन यात्री सुविधा पर ध्यान नहीं दे रहा है। यात्री सुविधा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अब तो आंदोलन का रास्ता बचा है।