भवन निर्माण में मानकों की अनदेखी
मीरजापुर: भवनों के निर्माण पर लाखों खर्च कर दिये जा रहे हैं लेकिन भूकंपरोधी नियमों का पालन नहीं किया
मीरजापुर: भवनों के निर्माण पर लाखों खर्च कर दिये जा रहे हैं लेकिन भूकंपरोधी नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। शहर हो या गांव हर जगह मकान व सरकारी कार्यालयों, विद्यालय भवनों का निर्माण करवाया जा रहा है लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जबकि शासन का आदेश है कि शहरों में सरकारी अथवा गैर सरकारी भवनों का निर्माण कराते समय भूकंपरोधी नियमों का पालन कड़ाई से पालन किया जाय। तीन साल पहले जारी आदेश जिले स्तर पर ही ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
जिले में तीन साल पहले जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई थी। इसमें एसपी, नगर मजिस्ट्रेट, नगर पालिका के अधिकारी, लोकनिर्माण विभाग के अभियंताओं को सदस्य बनाया गया था। अफसोस की बात तो यह है कि आज तक न तो समिति की कभी बैठक हुई और न ही प्रशासन के पास यह आंकड़ा है कि कितने भवन भूकंपरोधी नहीं हैं और कितने बने हैं। प्राधिकरण के अभियंता भी नक्शा पास करते समय मानक का पालन नहीं कर रहे हैं। आंख मूंदकर नक्शा पास कर दिया जा रहा है। एक मंजिला मकान तो गनीमत है जहां पर दो मंजिल से बहुमंजिला इमारत का निर्माण हो रहा है, वहां पर भूकंप से खतरा ज्यादा रहता है। यहां भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
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एक वर्ष में निर्मित होने वाले मकानों की संख्या
सरकारी विद्यालय-450
अर्ध सरकारी-250
महाविद्यालय-12
सरकारी कार्यालय-12
निजी भवन-2355
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नियमों का होगा पालन
विकास प्राधिकरण के सचिव नगर मजिस्ट्रेट अवधेश मिश्र का कहना है कि भूकंपरोधी मकान के संबंध में नियमों का पालन कराया जाएगा। बहुमंजिला इमारतों में तो भूकंपरोधी मानक का पालन अनिवार्य है। अगर नहीं किया जा रहा है तो इसकी जांच कराई जाएगी।