बिजली संकट चरम पर, चहुंओर विरोध
जमालपुर (मीरजापुर): बिजली समस्या के विरोध में उद्योग व्यापार संगठन व ग्रामीणों ने शनिवार को विद्युत उपकेंद्र पर जमकर बवाल काटा। उपकेंद्र पर ताला जड़कर विरोध प्रदर्शन किया। हजारों की संख्या में पहुंचे लोगों ने आरोप लगाया कि विभागीय कर्मचारी शासन की नीतियों के विरुद्ध कार्य कर रहे हैं। जितने घंटे बिजली आपूर्ति शासन द्वारा निर्धारित की गई है उसका दसवां हिस्सा भी आम उपभोक्ताओं को नहीं मिल रहा है।
लोकल फाल्ट से बिजली आपूर्ति का ढांचा चरमरा गया है। एक पखवारे से दो घंटे भी बिजली नहीं मिल रही है। दोपहर 11 बजे जब ग्रामीण उद्योग व्यापार संगठन के लोगों के साथ उपकेंद्र पहुंचे तो वहां तैनात सब स्टेशन आपरेटर उपकेंद्र में ताला बंदकर मौके से भाग खड़ा हुआ। विरोध स्वरूप लोगों ने उपकेंद्र पर अपना ताला जड़ दिया। चार घंटे तक हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने जमकर बवाल काटा और विभाग के विरुद्ध नारेबाजी की। आंदोलन का नेतृत्व उद्योग व्यापार संगठन के अध्यक्ष सतीश सिंह ने किया। कहा कि बिजली की व्यवस्था जब तक सुदृढ़ नहीं की जाती विरोध प्रदर्शन चलता रहेगा। विभागीय कर्मचारी या अधिकारी के मौके पर न पहुंचने से ग्रामीण आक्रोशित दिखे।
इस दौरान एसडीओ व जेई ने प्रदर्शनकारियों से दूरभाष पर वार्ता करते हुए एक सप्ताह का समय मांगा, जिस पर धरना-प्रदर्शन समाप्त करते हुए चेतावनी दी गई कि एक सप्ताह के अंदर बिजली आपूर्ति में सुधार न किया गया तो नागरिक जमालपुर थाना चौराहे पर रास्ता जाम करेंगे।
इस दौरान नागेंद्र गुप्ता, सुशील सिंह, सुरेश सिंह, रामजनम, रणधीर सिंह, रतन गुप्ता, मनोज केशरी, सत्येंद्र केशरी आदि थे।
बाजार की दुकानें रहीं बंद
बिजली की समस्या को लेकर व्यापारियों ने उद्योग व्यापार संगठन के आह्वान पर शनिवार को जमालपुर बाजार में दुकानों को बंद रखा। सुबह दस बजे व्यापारियों ने जब दुकानें खोली तो उद्योग व्यापार संगठन के कार्यकर्ताओं ने बाजार में भ्रमण कर दुकानें बंद करा दिया। करीब छह घंटे तक बंदी का व्यापक असर रहा और आम उपभोक्ताओं को जरूरत का सामान भी नहीं मिल सका।
कटौती को लेकर एसी को घेरा
मीरजापुर : बिजली कटौती व दुर्व्यवस्था को लेकर पूरे जिले में त्राहि-त्राहि मची हुई है। शनिवार को लोगों के सब्र का बांध टूट गया। उप्र विकलांग सेवा समिति के कार्यकर्ताओं ने अधीक्षण अभियंता का घेराव किया। कहा कि अगर बिजली की व्यवस्था नहीं सुधरी तो वे अधिकारियों की नींद हराम कर देंगे। समिति के नेताओं ने कहा कि विभाग की बिजली आपूर्ति की समय सारिणी दिखावा हो गई है। नगर में ठीक से चार पांच घंटे भी बिजली नहीं मिल पा रही है। ग्रामीणों का बुराहाल है। इस कटौती से लोगों का जीना हराम हो गया है। सभी उपभोक्ता त्रस्त हैं। लोगों का व्यवसाय दुकानदारी प्रभावित हो रही है। बिजली अनापूर्ति व लो-वोल्टेज से मोटर मशीन पंप नहीं चल पा रहे हैं जिससे किसानों की फसर सूख रही है। ऊपर से मच्छरों के प्रकोप से संक्रामक बीमारी बढ़ गई है। सरकार व अधिकारी जनहित के मामलों को ताक पर रख दिए हैं लेकिन अब सड़क पर आंदोलन होगा। अगर व्यवस्था नहीं सुधरी तो अधिकारियों के आवासों पर प्रदर्शन घेराव होगा। इस अवसर पर अध्यक्ष जटाशंकर सिंह जहरीला, राम सिंह, लालचंद यादव, कपूरचंद, निजाम, रमाकांत, गणश दीपक आदि लोगों ने संबोधित किया।
ग्रामीणों ने किया जिगना उपकेंद्र का घेराव
जिगना : स्थानीय पावर हाउस का शुक्रवार की रात में सैकड़ों ग्रामीणों ने घेराव कर दिया। बिजली न रहने से आक्रोशित ग्रामीण जब पावर हाउस पर पहुंचे तो लाइन चालू कर दी गई लेकिन एक घंटे बाद रात एक बजे फिर से काट दी गई। शुक्रवार को जब देररात तक बिजली नहीं आई तो ग्रामीण आक्रोशित हो गए और सीधे पावर हाउस पहुंचकर उसका घेराव कर दिया। कहा जा रहा है कि ग्रामीणों के रूख को देखते हुए कुछ ही देर बाद बिजली चालू कर दी गई। उसके बाद फिर कई बार बिजली की आवाजाही लगी रही। कहा जा रहा है कि बिजली का रोस्टर जो भी कहता हो बिजली तीन घंटे से अधिक नहीं मिल पा रही है। मनमानी बिजली काटी जा रही है। कहा गया कि यदि इसमें सुधार नहीं किया गया तो आंदोलन किया जाएगा।
चुनार में भी मचा हाहाकार
चुनार : ताबड़तोड़ बिजली कटौती से चुनार में हाहाकार मच गया है। लोग पूरी रात जाग कर काट रहे हैं और फिर पूरा दिन बिजली विभाग के अधिकारियों को कोसते पसीना पोछते बीत रहा है। ऐसे में बदहाल मौसम की मार परेशानी को कई गुना और बढ़ा दे रही है। शुक्रवार को सुबह की गायब बिजली शनिवार की भोर साढ़े चार बजे आई। वो भी मात्र चार घंटे के लिए। ऐसे में सुख चैन जो छिना सो छिना ही है सबसे अधिक समस्या पेयजल को लेकर हो गई है। नगर में पानी के लोग शनिवार को त्राहि-त्राहि करते दिखे। पूर्णतया विद्युत आधारित पालिका द्वारा की जाने वाली पेयजल आपूर्ति पर बिजली संकट ने ग्रहण लगा दिया है। विद्युत आपूर्ति का कोई निर्धारित रोस्टर रह नहीं गया है। ऐसे में पालिका कब आपूर्ति करे और नगरवासी कब पानी भरें यह यक्ष प्रश्न बन गया है। बिजली की मनमानी कटौती से घरों के फ्रिज, कूलर, एसी, टीवी सभी शो-पीस बनकर लोगों को मुंह चिढ़ा रहे हैं।
जेनरेटर से कराई जा रही है पेयजल आपूर्ति
पालिकाध्यक्ष श्रीमती हसीना बेगम ने बताया कि मात्र तीन-चार घंटे विद्युत आपूर्ति के कारण नगर में पेयजल आपूर्ति की विकट समस्या खड़ी हो गई है। इसके बाद भी पालिका प्रशासन जेनरेटर द्वारा पेयजल आपूर्ति का प्रयास कर रहा है ताकि नगरवासियों को पानी मिल सके। पालिकाध्यक्ष ने प्रदेश सरकार से नगर को कम से कम चौदह घंटे आपूर्ति सुनिश्चित किए जाने की मांग की है।