सिद्धनाथ दरी की छटा अदभूत
मीरजापुर : सक्तेशगढ़ अड़गड़ानंद आश्रम के समीप स्थित सिद्धनाथ की दरी पर बड़ी संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं। बरसात होते ही प्रकृति के इस अनमोल धरोहर का लुत्फ उठाने के लिए पूर्वाचल के कोने-कोने से भारी संख्या में सैलानी यहां पहुंच रहे हैं।
जनपद मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर आश्रम के समीप स्थित फाल दृश्य बड़ा ही मनोरम लगता है। चारों तरफ से घने जंगलों एवं पहाड़ों की बीच दरी का विहंगम दृश्य देख हर किसी का मन मयूर नाच उठता है। स्थल पर दुर्व्यवस्था का बोलबाला है। सैलानियों के ठहरने के लिए न तो कोई भवन बना है और न ही बिजली की व्यवस्था है। आज भी लोग यहां पर बाटी-चोखा का भी लुत्फ उठाते हैं। हालांकि सुरक्षा कारणों की कमी लोगों को खलती है। इस स्थल को विंध्य परिपथ से जोड़ने की योजना एक दशक पहले बनाई गई थी। आज तक बजट नहीं मिल रहा है। फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। इस संबंध में सीडीओ विवेक पांडेय से पूछे जाने पर कहा कि जिला योजना में कार्ययोजना तो बनायी गयी थी लेकिन बजट अभी मिला नहीं है। जिसकी वजह से काम नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थलों के विकास के लिए काम किया जाएगा।