नहीं मिल रहा आवास, टूट रही आस
चुनार (मीरजापुर): एक ओर सरकारें शहरी गरीबों के लिए आवासों समेत अन्य कई कल्याणकारी योजनाएं चलाने का दावा कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर इन योजनाओं को पूरा कर धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी जिन विभागों या कार्यदायी संस्थाओं की है उनकी शिथिलता और लापरवाही के चलते योजनाएं पांच वर्ष बीतने के बाद भी पूरी नहीं हो सकी है।
बात हो रही है चुनार नगर के सेटलमेंट एरिया क्षेत्र में जिला नगरीय विकास अभिकरण डूडा द्वारा बनवाए जा रहे आवासों की।
आइएचएसडीपी योजना के तहत बन रहे 216 आवासों का निर्माण नवंबर 2009 में शुरू हुआ था, जो मार्च 2014 में तय समय सीमा समाप्त होने के बाद भी आज तक पूरा नहीं हो सका है। पांच करोड़ छियानबे लाख सत्तर हजार रुपये की लागत से 18 ब्लाकों में बनने वाले इन आवासों में लाभार्थियों के लिए तमाम सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। प्रत्येक आवास के लिए अनुमानित लागत एक लाख पचीस हजार रुपये है। इसके अतिरिक्त करीब तीन करोड़ सत्रह लाख रुपये से इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कराया जा रहा है।
इसमें सीसी रोड इंटरलाकिंग, सीवर लाइन, विद्युतीकरण, पार्क तथा कम्यूनिटी सेंटर सहित बीस दुकानों का निर्माण भी हुआ है। पेयजल की व्यवस्था के लिए एक लाख लीटर क्षमता वाले ओवरहेड टैंक का निर्माण भी कराया गया है। वर्तमान में यहां निर्माण का काम चल रहा है। इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित तमाम काम बाकी हैं।
साथ शुरू हुए कांशीराम आवासों में रह रहे लोग
शहरी आवास के साथ शुरू हुई कांशीराम शहरी आवास योजना वर्षो पहले पूरी हो चुकी है और उसमें लाभार्थियों ने रहना भी शुरू कर दिया है। पांच वर्ष बीतने के बाद भी अभी तक यहां काम पूरा न होना लोगों के गले नहीं उतर रहा है।
लाभार्थियों का हो चुका है चयन
सूत्रों की मानें तो योजना के तहत दो सौ सोलह लाभार्थियों का चयन भी वर्षो पहले हो चुका है। अब ये सभी आवास आवंटन की बाट जोह रहे हैं।