जड़ी-बूटियों से लहलहाएगी किसानों की बगिया
मीरजापुर : नक्सल प्रभावित जिले के सभी विकास खंडों के किसानों को अब जड़ी-बूटियों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। उनकी जमीन पर जड़ी, बूटियों व फूलों की बगिया लहलहाएंगी। पुराने बागानों के जीर्णोद्धार की भी योजना है। औद्यानिक मिशन योजना के तहत चालू वित्तीय वर्ष में 20 लाख की स्वीकृति दी गई है। जिले स्तर पर उद्यान विभाग द्वारा कार्ययोजना का अनुमोदन भी जुलाई माह में करा लिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक 10 हेक्टेयर जमीन पर अमरूद के बागान लगाए जाएंगे। इसके लिए किसानों का चयन किया जा रहा है। दस कृषकों का चयन वाटर टैंक की खोदाई के लिए किया जा रहा है। एक टैंक की खोदाई पर 60 हजार का बजट खर्च करने का दावा किया जा रहा है। किसानों को अपनी जमीन पर 20 मीटर लंबा, 20 मीटर चौड़ा और दस मीटर गहरा गड्ढा खोदना होगा।
योजना के तहत जिले में दो फल संरक्षण इकाई स्थापित होनी है। इसके लिए भी सर्वे का काम चल रहा है। इसके अलावा गेंदा, गुलाब, ग्लेलूस व अन्य जड़ी-बूटियों के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। जैविक उर्वरक के लिए संसाधन भी तैयार किए जाएंगे। किसानों को अनुदान पर खाद व बीज भी उपलब्ध कराया जाएगा।
जल्द शुरू होगा कार्य
जिला उद्यान अधिकारी भूषण सिंह ने बताया कि कार्ययोजना का अनुमोदन करा लिया गया है। किसानों की जमीन पर जड़ी-बूटियों की खेती कराई जाएगी। पुराने बागानों का जीर्णोद्धार कराया जाएगा। प्रस्ताव मांगे जा रहे हैं। किसानों को प्रशिक्षण दिलाकर उन्नत खेती के लिए जागरूक किया जाएगा।
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