रिटायर्ड कर्नल की कोठी में Luxury cars का जखीरा, सबका नंबर 0044
प्रशांत बिश्नोई मंहगी गाडिय़ों का भी शौकीन है। पसंदीदा नंबर भी खास है। कर्नल व उनके बेटे पर 10 -15 लग्जरी गाडिय़ों का नंबर 0044 है।
मेरठ (जेएनएन)। कर्नल की कोठी शहर के सबसे अहम पॉश इलाके में है। बराबर में मेरठ विकास प्राधिकरण का आफिस है तो बाहर मुख्य सड़क पर ठीक सामने महिला थाना। उससे लगी पुलिस लाइन है। कुछ ही दूरी पर पुलिस का जिला कन्ट्रोल रूम है। करीब सौ मीटर की दूरी पर डीआइजी का कार्यालय भी है। यानी कोठी के चारों ओर अभेद्य किले ही तरह सुरक्षित माहौल। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या प्रशांत इन सबसे बेखौफ था अथवा उसे बड़े लोगों का संरक्षण प्राप्त था। यह सब जांच का विषय है।
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सेना की खुफिया भी सक्रिय
सूत्रों की मानें तो छावनी स्थित सेना ने भी अपने गुप्तचर विभाग को इस प्रकरण में लगा दिया है। हालांकि सेना की तरफ से कोई ठोस जानकारी छनकर बाहर नहीं आ रही है। सुबह करीब 8.30 बजे परिचित को छोडऩे के लिए कोठी से बाहर आए कर्नल देवेंद्र को मीडिया कर्मियों ने घेर लिया। सवाल करने पर उन्होंने गुस्से में कैमरे पर हाथ भी मारा। इसके बाद खूब भड़के फिर माथे पर हाथ रखकर बैठ गए।
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गतिविधियों की जानकारी नहीं
कर्नल देवेंद्र ने पूरे मामले का ठीकरा बेटे प्रशांत पर ही फोड़ा। बोले माफी चाहता हूं। मैं अपने बेटे की करतूत पर शर्मिंदा हूं। कोठी के अंदर से चलने वाली गतिविधियों की कोई जानकारी नहीं थी? इस पर कर्नल ने कहा कि वह अकसर बाहर रहते हैं। इसलिए जानकारी नहीं है। बेटे के खिलाफ कार्रवाई होती है तो बचाव नहीं करेंगे। वे बेटे की करतूत से भले ही पल्ला झाड़ रहे हों, लेकिन उनकी साफगोई किसी के गले नहीं उतर रही है।
महंगी गाडिय़ों का भी शौक
प्रशांत बिश्नोई मंहगी गाडिय़ों का भी शौकीन है। पसंदीदा नंबर भी खास है। आसपास के लोगों व विश्वस्त सूत्रों के अनुसार कर्नल व उनके बेटे पर करीब 10 -15 लग्जरी गाडिय़ां हैं। सभी गाडिय़ों का नंबर 0044 है। कोठी के बाहर रविवार को उनकी दो गाडिय़ां बाहर भी खड़ी थीं। जिसमें एक का नंबर यूपी-15-बीएफ-0044 तथा दूसरी गाड़ी का यूके-06-वी-0044 है।