Lockdown In Meerut: सांसद और विधायक बोले, व्यापारियों को एक जून से निश्चित राहत मिलेगी
व्यापारी और उपभोक्ता दोनों के प्रति स्थानीय जनप्रतिनिधि जवाबदेह हैं। सीमावर्ती जिलों में सभी बाजार खुल गए हैं लेकिन मेरठ में अभी भी बंदी है।
मेरठ, जेएनएन। व्यापारी और उपभोक्ता दोनों के प्रति स्थानीय जनप्रतिनिधि जवाबदेह हैं। सीमावर्ती जिलों में सभी बाजार खुल गए हैं, लेकिन मेरठ में अभी भी बंदी है। यहां व्यापारियों को प्रतिष्ठान खोलने की जरा भी मोहलत नहीं दी गई। स्थानीय जनप्रतिनिधि चाहें जो दावे करते रहें, लेकिन व्यापारियों का मानना है कि जनप्रतिनिधियों ने बाजार खुलवाने में कोई सहभागिता नहीं दिखाई। बाजार नहीं खुलने से व्यापारियों में तीखा आक्रोश है। शहर के छोटे-बड़े सभी व्यापारिक संगठनों ने रोस्टर के तहत बाजार खोलने की मांग की है। शहर के दोनों व्यापार संघ अपनी-अपनी रणनीति से बाजार खोलने के लिए जिला प्रशासन से मांग कर रहे हैं। भीषण गर्मी में दुकानों में रखा सामान सड़ने व खराब होने के कगार पर है। इससे व्यापारियों को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है।
व्यापारियों के आक्रोश पर बोले जनप्रतिनिधि
प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा के सामने व्यापारियों की समस्या रखी गई थी। धीरे-धीरे ही सही आर्थिक गतिविधि चलनी चाहिए। दुकानें दो माह से अधिक समय से बंद हैं। संक्रमण की सीमाओं को ध्यान में रखते हुए कुछ राहत जिला प्रशासन को देनी चाहिए। जहां तक बात व्या
- राजेंद्र अग्रवाल, सांसद
व्यापारियों से अपील है कि 31 मई तक प्रतीक्षा करें। इसके बाद बाजार खोलने के लिए जरूर कोई विकल्प निकलेगा। हम लोग बैठकर इसका समाधान निकालेंगे। अभी संयम बरतने का समय है। व्यापार वर्ग को बड़ी परेशानी हो रही है। हम लोग आश्वस्त करते हैं कि हर सुख दुख में हमेशा उनके साथ खडे हैं।
- सोमेंद्र तोमर दक्षिण विधायक
मैंने कई बार इस संबंध में डीएम से बात की। रोजाना नये केस सामने आ रहे हैं। मेरठ को पहले ही कंटनेमेंट जोन में रखा गया है। कोरोना को गंभीरता से लेते हुए हमें अभी 31 मई तक का इंतजार करना होगा। मेरठ में बाजार खोलने व व्यापारियों को राहत देने के लिए प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव से भी बात की है। एक जून के बाद शहर के व्यापारियों को निश्चित तौर पर राहत मिलेगी।
- सत्यप्रकाश अग्रवाल कैंट विधायक