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वेस्ट यूपी का हार्ड कोर क्रिमिनल मोनू जाट एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार

बागपत के रोहटा के पुलिस छावनी बनने के बाद मोनू जाट ने नितिन के साथ मिलकर हत्या की। उसके बाद वहां बागपत की सीमा को पार कर हरियाणा पहुंच गया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 01 Oct 2016 02:58 PM (IST)Updated: Sat, 01 Oct 2016 04:17 PM (IST)
वेस्ट यूपी का हार्ड कोर क्रिमिनल मोनू जाट एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार

मेरठ (जेएनएन)। लंबे समय से मेरठ में पुलिस की नींद उड़ाने वाले कुख्यात 50 हजारी मोनू जाट और उसके साथी नितिन को सोनीपत पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। बीते 15 दिन में मोनू ने रंगदारी के लिए चार हत्याएं कर दी थीं।

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मोनू की सक्रियता के बाद से मेरठ देहात में दहशत का माहौल था। मोनू पर अब तक दस हत्याओं का आरोप है। मेरठ पुलिस ने रोहटा और उसके आसपास के इलाके को छावनी बना दिया था, लेकिन कल देर रात मेरठ पुलिस को सूचना मिली कि कुख्यात मोनू जाट और बागपत के दोघट थाने के टिकरी निवासी नितिन को सोनीपत पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

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बागपत के रोहटा के पुलिस छावनी बनने के बाद मोनू जाट ने नितिन के साथ मिलकर हत्या की। उसके बाद वहां बागपत की सीमा को पार कर हरियाणा पहुंच गया। मोनू व नितिन दोनों ही सोनीपत में अपने एक साथी के साथ बीच बाजार में किराए के कमरे में छिपे हुए थे।

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सोनीपत की एसआइटी टीम ने मुठभेड़ के दौरान दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में अब हरियाणा पुलिस की टीम ने मेरठ पुलिस से संपर्क भी कर लिया है। बाकायदा मेरठ के अफसरों ने वाट्स-एप पर मोनू और नितिन की फोटो मंगाकर पुष्टि कर ली है।

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माना जा रहा है कि मोनू और नितिन पुलिस एनकाउंटर के डर से हरियाणा की सीमा में प्रवेश कर सोनीपत पहुंच गए थे। सोनीपत से मोनू की गिरफ्तारी होने पर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं। बागपत में रोहटा को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। सिविल पुलिस के अलावा एसटीएफ को लगा दिया था। उसके बावजूद भी पुलिस मोनू और नितिन को पकड़ नहीं पाई। इसके बाद अचानक ही सोनीपत में मुठभेड़ के दौरान मोनू और नितिन की गिरफ्तारी बड़ा सवाल खड़ा कर रही है।

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मोनू और नितिन की यह गिरफ्तारी पुलिस एनकाउंटर के डर से हुई या कुछ और संदेह है। सोनीपत की जिस एसआइटी ने मोनू को गिरफ्तार किया है, उसने मोनू और नितिन के फोटो मेरठ के अफसरों को भेज कर पहचान कराई है।

मोनू 2007 से क्राइम की दुनिया में सक्रिय

रोहटा का मोनू जाट 2007 से क्राइम की दुनिया में प्रवेश कर गया था। मोनू ने उधम सिंह व भरतू नाई के साथ मिलकर करनावल के चेयरमैन सतीश की हत्या कर दी थी। उसके बाद उसने एक के बाद एक दस हत्याएं कीं। अब रोहटा में किसान दंपती की हत्या के बाद मोनू के पीछे पुलिस पड़ गई थी।

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मोनू के सभी परिवारीजन को भी पुलिस ने जेल भेज दिया। बागपत में हत्या के बाद मोनू के पीछे एसटीएफ से लेकर स्थानीय पुलिस तक पड़ गई थी। उसके बाद तो रोहटा एरिया छावनी में बदल दिया था।

कैसे पहुंचा सोनीपत ?

इतनी फोर्स लगाने के बाद भी पुलिस की टीम मोनू को नहीं पकड़ पाई। मोनू हरियाणा के सोनीपत में कैसे पहुंचा। यह बड़ा मामला है।

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मोनू और नितिन पुलिस एनकाउंटर के डर से हरियाणा में पहुंचे थे या पुलिस ने सेटिंग से मोनू को सोनीपत में पकड़वाया है। ऐसे में मोनू की गिरफ्तारी पुलिस के लिए बड़ा सवाल पैदा कर रही है।

शूटर के कमरे से गिरफ्तार

मोनू की सोनीपत में गिरफ्तारी के पीछे उधम सिंह के शूटरों की सेटिंग मानी जा रही है। मोनू जाट कुख्यात उधम सिंह का शूटर रहा है। माना जा रहा है कि बागपत में नितिन के साथ हत्या करने के बाद मोनू हरियाणा पहुंच गया था।

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जिस मकान से मोनू को पकड़ा गया है वह उधम सिंह के शूटरों ने किराए पर लिया था। मोनू व नितिन की गिरफ्तारी के बाद पुलिस की टीम हरियाणा के लिए रवाना हो गई है। सीओ ब्रिजेश कुमार टीम के साथ हरियाणा के सोनीपत में हैं।


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