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अर्जुन अवार्डी पहलवान अधिकारियों के चक्कर काटने को क्यों है मजबूर

हम चाहते हैं कि हमारे खिलाड़ी ओलंपिक तक मेडल जीतकर आएं, लेकिन हम उनके लिए करते क्या हैं। अलका तोमर को एकेडमी के लिए जमीन तक तो दी नहीं जा रही।

By Ashu SinghEdited By: Published: Tue, 13 Nov 2018 04:07 PM (IST)Updated: Tue, 13 Nov 2018 04:07 PM (IST)
अर्जुन अवार्डी पहलवान अधिकारियों के चक्कर काटने को क्यों है मजबूर
अर्जुन अवार्डी पहलवान अधिकारियों के चक्कर काटने को क्यों है मजबूर
मेरठ (जेएनएन)। शहर के खिलाड़‍ियों को प्रोत्साहित करने, उनको बेहतर प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के लिए सिस्टम कितना लापरवाह है इसकी बानगी एक बार फिर देखने को मिली। अर्जुन अवॉर्डी पहलवान अलका तोमर को प्रदेश सरकार ने एकेडमी खोलने के लिए एक साल पहले निश्शुल्क जमीन देने का प्रस्ताव दिया था। अभी तक उन्हें जमीन आवंटित नहीं हो सकी है। इस कारण अलका मंगलवार को पहले कमिश्नर और फिर डीएम ऑफिस में अपनी पीड़ा लेकर पहुंचीं।
नगम निगम की जमीन
अलका तोमर ने बताया कि 3000 वर्ग मीटर जमीन देने का प्रस्ताव सरकार ने दिया था। स्थानीय स्तर पर परतापुर क्षेत्र में जमीन चयनित की गई थी। यह जमीन नगर निगम की थी। एक साल बीत चुका है लेकिन नगर निगम की लापरवाही के कारण एकेडमी खोलने के लिए जमीन नहीं मिल पाई है। जमीन पाने के लिए तमाम प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। इसके बाद भी निगम अफसर जमीन के संबंध में कोई निर्णय नहीं कर पाए हैं।
बुधवार शाम तक का समय दिया
अलका ने कमिश्नर अनीता सी मेश्राम से शिकायत की, जिस पर कमिश्नर ने डीएम को निर्देशित किया। बाद में पहलवान डीएम अनिल ढींगरा के कार्यालय में पहुंचीं। डीएम ने नगर आयुक्त को तलब किया और समस्या के निदान के आदेश दिए। नगर आयुक्त मनोज चौहान ने बुधवार शाम छह बजे तक जमीन को लेकर निर्णय करने की बात कही।
खिलाड़ि‍यों का हो रहा नुकसान
अलका ने बताया कि एकेडमी खुलने में हो रही देरी के कारण स्थानीय प्रतिभाओं को काफी नुकसान हो रहा है, प्रशासन हर स्तर पर मदद के लिए तैयार है लेकिन नगर निगम के अधिकारी लापरवाही कर रहे हैं।

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