Move to Jagran APP

विशु का सुराग नहीं, मुख्यमंत्री रखे हैं नजर

मोदीपुरम (मेरठ) : गंगोत्री से 15 किलोमीटर पहले 300 फुट गहरी खाई में समाये भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 Apr 2017 02:14 AM (IST)Updated: Sat, 29 Apr 2017 02:14 AM (IST)
विशु का सुराग नहीं, मुख्यमंत्री रखे हैं नजर
विशु का सुराग नहीं, मुख्यमंत्री रखे हैं नजर

मोदीपुरम (मेरठ) : गंगोत्री से 15 किलोमीटर पहले 300 फुट गहरी खाई में समाये भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के धेवते विशु का अभी तक कुछ पता नहीं चल सका है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने वहां के डीएम, एसएसपी को मुस्तैदी से सर्च अभियान जारी रखने को कहा है।

loksabha election banner

शुक्रवार सुबह करीब 10 बजे गंगोत्री में सर्च अभियान शुरू किया गया। राकेश टिकैत ने इस संबंध में केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान से बात की तो उन्होंने फोन पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को घटना से अवगत कराया। मुख्यमंत्री के सचिव ने फोन पर टिकैत से बातचीत की। राकेश टिकैत ने गंगोत्री आने की बात कही तो रास्ता खराब होने की वजह से उन्हें नहीं आने को कहा गया। संबंधित डीएम व एसएसपी से फोन पर ही बात कर सर्च अभियान में किसी प्रकार की शिथिलता नहीं बरतने के निर्देश दिए गए। ऋषिकेश से आई एक दर्जन गोताखोरों की टीम ने सर्च अभियान चलाया।

ऐसे हुआ था हादसा

भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत की भांजी सविता पत्नी मुकेश कंकरखेड़ा की शिवलोक पुरी कालोनी में रहती हैं। सविता का बेटा विशु अपने दोस्त कंकरखेड़ा की संत विहार कालोनी निवासी निशांत, श्रद्धापुरी निवासी गौरव और शास्त्रीनगर निवासी लक्ष्य दो बाइक पर मंगलवार को हरिद्वार-ऋषिकेश घूमने गये थे। एक बाइक पर विशु और निशांत, जबकि दूसरी पर गौरव व लक्ष्य थे। ऋषिकेश से परिजनों को बिना बताए चारों दोस्त गंगोत्री के लिए निकले। गंगोत्री से 15 किलोमीटर पहले सामने से आ रहे सेना के ट्रक से बचने के प्रयास में संतुलन बिगड़ने के कारण विशु और निशांत खाई में गिर गये। निशांत को सेना के जवानों ने रस्से के सहारे बाहर खींचा। बुधवार से शुक्रवार देर रात तक उत्तराखंड पुलिस, एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड और गोताखोरों की टीम विशु को खोजती रहीं, मगर उसका कुछ पता नहीं चला है।

पत्थरो के नीचे तो नहीं फंसा

राकेश टिकैत ने बताया कि जिस खाई में विशु गिरा है, वहां 30 फिट गहराई में 30-30 फिट ऊंचे पहाड़नुमा पत्थर हैं। संभवत: विशु उन्हीं पहाड़ के नीचे फंसा हैं। शुक्रवार को बरसात भी हुई। मिट्टी चिकनी हो जाने के कारण कई घंटे तक अभियान भी रोका गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.