डाक्टर नहीं सहेंगे लाइसेंस राज
मेरठ: पश्चिम बंगाल में क्लीनिकल इस्टैबलिशमेंट एक्ट लागू होने के बाद देशभर के चिकित्सकों में आक्रोश ह
मेरठ: पश्चिम बंगाल में क्लीनिकल इस्टैबलिशमेंट एक्ट लागू होने के बाद देशभर के चिकित्सकों में आक्रोश है। मेरठ में आइएमए ने गुरुवार को एक प्रेसवार्ता का आयोजन कर इस एक्ट को अराजक बताया। कहा कि अगर क्लीनिक एवं नर्सिग होमों को दर्जनों लाइसेंस के लिए भटकना पड़ेगा तो इससे इंसपेक्टर राज बढ़ेगा, और क्लीनिक चलाना मुश्किल हो जाएगा। डा. वीरोत्तम तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस एक्ट को बनाने के दौरान संजीदगी नहीं दिखाई। इसमें चिकित्सकों का उत्पीड़न बढ़ेगा। मरीजों की चिकित्सा एवं सेवा की संभावना कम होगी, और विवाद और रार में ही लोग उलझे रहेंगे। कहा कि अभी कोई एमबीबीएस डाक्टर कहीं भी छोटी सी क्लीनिक बनाकर मरीजों का इलाज शुरू कर देता है, किंतु क्लीनिकल इस्टैबलिशमेंट एक्ट लागू होने से चिकित्सकों को तमाम मानक पूरे करने होंगे। कहा कि आइएमए के नेशनल प्रेसीडेंट डा. केके अग्रवाल ने चिकित्सकों को आगे की रणनीति के लिए तैयार रहने को कहा है।
काली पट्टी पहनकर ओपीडी
चिकित्सकों ने एक्ट के विरोध में बांह में काली पट्टी लगाकर गुरुवार को ओपीडी की। तकरीबन सभी क्लीनिकों में चिकित्सकों ने इसका पालन किया। शाम चार बजे चिकित्सकों ने आइएमए हाल में जुटकर रणनीति बनाई। इस दौरान छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले में मारे गए जवानों की याद में दो मिनट का मौन भी रखा गया। डा. एसएम शर्मा, डा. मनीषा तोमर समेत कई अन्य शामिल रहे।