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मीट नमूनों की रिपोर्ट में झोल ही झोल

खरखौदा (मेरठ) : सूबे में नई सरकार बनते ही जिला प्रशासन ने थाना क्षेत्र में अवैध मीट प्लांटों के खिला

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Apr 2017 02:01 AM (IST)Updated: Sat, 22 Apr 2017 02:01 AM (IST)
मीट नमूनों की रिपोर्ट में झोल ही झोल
मीट नमूनों की रिपोर्ट में झोल ही झोल

खरखौदा (मेरठ) : सूबे में नई सरकार बनते ही जिला प्रशासन ने थाना क्षेत्र में अवैध मीट प्लांटों के खिलाफ अभियान चलाया, लेकिन जांच के नाम पर मेरठ से मथुरा तक झोल उस समय नजर आया, जब थाने का सिपाही रिपोर्ट लेने के लिए मथुरा पहुंचा। रिपोर्ट के आधार पर मात्र एक मीट प्लांट में ही गाय के मीट होने की पुष्टि मिली है।

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एक माह पूर्व जिला प्रशासन ने थाना क्षेत्र के अल्लीपुर जिजमाना में नौ मीट प्लांटों में सील लगाकर सात से बरामद मीट नमूने जांच के लिए मथुरा प्रयोगशाला भेजे गए थे, लेकिन पशु चिकित्साधिकारी भूदेव सिंह गत 15 अप्रैल को कुछ मीट प्लांटों की रिपोर्ट मथुरा से ले आए। मामले का पता उस समय लगा जब थाने का सिपाही अमर सिंह रिपोर्ट लेने मथुरा पहुंचा। शेष रिपोर्ट उक्त सिपाही शुक्रवार को थाने लेकर आया। समस्त रिपोर्ट में जांच के आधार पर डा संजय चतुर्वेदी ने बताया कि एक बंद बर्फखाने से बरामद मीट के ही गाय के होने की पुष्टि हुई है, जिसके नमूने उन्होंने भेजे थे। बहरहाल, एक सप्ताह पूर्व पशु चिकित्साधिकारी रिपोर्ट तो ले आए, लेकिन नियम के अनुसार थाने में रिसीव नहीं कराई।

मांस के नमूनों की रिपोर्ट के नियम

विभाग की माने तो पशु चिकित्साधिकारी स्तर पर मीट के नमूने लेकर उन्हें सील करके पुलिस के माध्यम से मथुरा लैब भेज दिया जाता है। वहां से तैयार रिपोर्ट डाक के जरिए संबंधित पशु चिकित्साधिकारी को प्रेषित की जाती है। उसके बाद पशु चिकित्साधिकारी रिपोर्ट की थाने में रिसीव कराकर एक कॉपी विवेचक को सौंपते हैं।

रिपोर्ट क्यों लाए पशु चिकित्सक भूदेव सिंह

मामले में झोल नजर आने लगा है। दरअसल, पशु चिकित्साधिकारी भूदेव सिंह बिना छुटटी लिए मीट नमूनों की रिपोर्ट लेने मथुरा क्यों गए? इस कदम से मामले में नए मोड़ आने लगे हैं। कई सवालिया निशान भी खड़े हो गए हैं। पशु चिकित्साधिकारी भूदेव सिंह के मोबाइल नंबर पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन फोन बंद मिला।मामले में एक सवाल और उठता है कि पुलिस का काम केवल नमूनों को लेकर जाना होता है। फिर सिपाही अमर सिंह रिपोर्ट लेने के लिए क्यों गया।

इन्होंने कहा ..

15 अप्रैल को पशु चिकित्साधिकारी भूदेव सिंह को कोई छुटटी नहीं दी गई। मांस के नमूनों की रिपोर्ट लाना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। पुलिस को भी उक्त रिपोर्ट लाने का अधिकार नहीं है। अगर ऐसा हुआ है तो मामले की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।

- हरपाल सिंह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी मेरठ।

अभी ऐसी कोई रिपोर्ट रिसीव नहीं हुई है। सिपाही किसी मामले में रिपोर्ट लेने मथुरा गया था, जो कि साथ में मांस के नमूनों की रिपोर्ट को ले आया।

- संदीप सिंह इंस्पेक्टर खरखौदा।


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