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गुब्बारे व कबूतर उड़ाकर नौचंदी मेले का उद्घाटन

मेरठ : नौचंदी मेले का रविवार को कमिश्नर ने गुब्बारे व शांति के प्रतीक कबूतर उड़ाकर पारंपरिक उद्घाटन क

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Mar 2017 01:00 AM (IST)Updated: Mon, 27 Mar 2017 01:00 AM (IST)
गुब्बारे व कबूतर उड़ाकर नौचंदी मेले का उद्घाटन

मेरठ : नौचंदी मेले का रविवार को कमिश्नर ने गुब्बारे व शांति के प्रतीक कबूतर उड़ाकर पारंपरिक उद्घाटन किया। इस दौरान जादूगर वी. सम्राट ने जादू से सभी को रोमांचित किया। देशभक्ति व सांप्रदायिक सौहार्द के गीतों पर कलाकारों ने जीवंत प्रस्तुति देकर तालियां बटोरीं। शाम को शुरू हुआ उद्घाटन कार्यक्रम देर रात तक चला।

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नौचंदी मेले का उद्घाटन होली के दूसरे रविवार को पारंपरिक तरीके से होता है। रविवार को कमिश्नर आलोक सिन्हा, जिला पंचायत अध्यक्ष सीमा प्रधान के साथ ही आधा दर्जन जिला पंचायत सदस्यों के साथ ही बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। रंग-बिरंगे गुब्बारे और उनके नीचे नौचंदी मेला 2017, जिला पंचायत लिखी तख्ती को उड़ाकर मेले का उद्घाटन कमिश्नर ने किया। मेला स्थल पर 'जय जवान, जय किसान' द्वार के पास अस्थायी मंच लगाया गया। कमिश्नर व अध्यक्ष के साथ ही जिला पंचायत सदस्यों ने गणेश मंदिर में पूजा-अर्चना की। इसके बाद कबूतर व गुब्बारे उड़ाकर मेले का शुभारंभ किया। इस दौरान चंडी देवी मंदिर में हवन व पूजा-अर्चना के बाद बाले मियां की मजार पर चादरपोशी की गई।

तारों में अटके गुब्बारे व तख्ती

कमिश्नर ने गुब्बारे उड़ाकर मेले का पारंपरिक उद्घाटन किया। गुब्बारे उड़े और कुछ ही ऊंचाई पर बिजली के तार व खंभे पर जाकर अटक गए। इस दौरान नीचे से डंडे आदि के जरिये गुब्बारे उड़ाने की नाकाम कोशिश काफी देर तक होती रही।

छतों पर चढ़े लोग

मेला स्थल के आसपास बने घरों की छतों पर लोग चढ़ गए। इस दौरान जादू व गीत-संगीत के कार्यक्रमों का लोगों ने छतों से आनंद लिया। परिवार के साथ ही बच्चे भी प्रस्तुतियां देख आनंदित होते रहे।

देशभक्ति के गीतों पर झूमे लोग

मेरे देश की धरती सोना उगले-उगले हीरे मोती .., जय हो, सुनो गौर से दुनिया वालों.. आदि देशभक्ति गीतों पर कलाकारों ने मोहक प्रस्तुति दी। वहीं पंजाबी, राजस्थानी, गुजराती आदि लोक सभ्यताओं से ओत-प्रोत गानों पर वसुधैव कुटुंबकम का संदेश कलाकारों ने दिया। कलाकारों की जीवंत प्रस्तुति पर लोगों ने जमकर तालियां बजाईं।

उद्घाटन तो हुआ मगर नहीं लगी एक भी दुकान

मेले का पारंपरिक उद्घाटन तो रविवार को हो गया, लेकिन मेला पूरी तरह से बियावान रहा। आयोजन स्थल पर टेंट व स्टेज लगाया गया था, जबकि इसके बाहर तमाम जगह गड्ढे, टूटे पड़े बिजली के खंभे और उन पर झूलते बिजली के तारों के साथ ही मेला स्थल पर प्रवेश मार्ग पर खोदे गए गड्ढे अव्यवस्थाओं को उजागर कर रहे थे। आलम यह है कि अभी तक मेला स्थल पर एक भी दुकान नहीं लगी है।

सद्भाव का संदेश देता है मेला

कमिश्नर आलोक सिन्हा ने कहा कि मेला ¨हदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है। यह मेला सद्भाव व सौहार्द का संदेश देता है। इसे बेहतर बनाना हम सभी का दायित्व है। उन्होंने जिला पंचायत से मेले को भव्य व आकर्षक बनाने को कहा। जिला पंचायत अध्यक्ष सीमा प्रधान ने कहा कि हमें दलों से ऊपर उठकर मेले में सहयोग करने की जरूरत है। सपा नेता अतुल प्रधान ने भी विचार रखे। एसपी सिटी आलोक प्रियदर्शी, एडीएम सिटी मुकेश चंद आदि भी मौजूद रहे।

अभी मेले में लगेंगे दस-बारह दिन

जिला पंचायत अध्यक्ष सीमा प्रधान ने कहा कि मेले का पारंपरिक उद्घाटन किया गया है। आचार संहिता के कारण मेले की तैयारियों के लिए कम समय मिला, फिर भी समय रहते पारंपरिक उद्घाटन कर काफी काम किया गया है। दस-बारह दिन में मेला सही तरह से लग जाएगा।


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