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..फूलों में सज रहे वृंदावन बिहारी

मेरठ: औघड़नाथ मंदिर परिसर सोमवार रात भक्तिगंगा से सराबोर रहा। भजन गायक विनोद अग्रवाल ने भजनों की भावप

By Edited By: Published: Tue, 21 Feb 2017 02:15 AM (IST)Updated: Tue, 21 Feb 2017 02:15 AM (IST)
..फूलों में सज रहे वृंदावन बिहारी
..फूलों में सज रहे वृंदावन बिहारी

मेरठ: औघड़नाथ मंदिर परिसर सोमवार रात भक्तिगंगा से सराबोर रहा। भजन गायक विनोद अग्रवाल ने भजनों की भावपूर्ण लड़ी पेशकर श्रोताओं को अपने साथ बहा लिया। तीन घंटे तक श्रोता भजन सरिता में डुबकी लगाते रहे। विनोद अग्रवाल ने उड़ाओ अबीर गुलाल गाकर होली के सतरंगी भावों को जीवंत कर दिया।

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औघड़नाथ मंदिर में सोमवार को भजन संध्या के बहाने भक्तों का समागम हुआ। अपने पसंदीदा फनकार को सुनने के लिए बड़ी संख्या में श्रोता वक्त से पहले पहुंच गए। सबसे पहले मुख्य अतिथि एवं कैंट बोर्ड के सीइओ राजीव श्रीवास्तव, एपेक्स एजुकेशनल ग्रुप के डा. ब्रजभूषण गोयल और मंदिर के प्रधान पुजारी श्रीधर त्रिपाठी ने दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। श्रोताओं की पसंदीदा भजनों की फरमाइश से पहले भजन गायक विनोद अग्रवाल ने अपने अंदाज में श्रोताओं को रिझाना शुरू किया। उन्होंने .न जी भर के देखा, न कुछ बात की, बड़ी आरजू थी मुलाकात की के साथ भजन का आगाज किया। श्रोताओं ने तालियां बजाकर मशहूर फनकार का स्वागत किया। विनोद अग्रवाल की भक्तिरस में डूबी आवाज को जब साज का साथ मिला तो कैंपस में संगीत की सतरंगी छटा निखरने लगी। इसके बाद उन्होंने उड़ाओ अबीर गुलाल कि होली आई रे..गाकर होली के रंगों में सबको रंग दिया। भक्तों ने जोरदार तालियां बजाकर इस गीत के बहाने होली के प्रति अपना उल्लास जताया। फनकारों ने सुर और लय पर बेहतरीन पकड़ रखते हुए संगीत के रंग को भी फीका नहीं होने दिया। उन्होंने गायन के रंग में होली के तमाम रंगों को घोला। करीब आधे घंटे तक चले इस भजन में सुरों की आंख मिचौली ने दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। उन्होंने अपनी लयकारी से भी श्रोताओं को चमत्कृत किया। इसी बीच श्रोताओं ने फरमाइशों की झड़ी लगा दी। विनोद अग्रवाल ने सरगम पर अपने सुरों को कसते हुए भगवान कृष्ण की भजनों का रुख किया। फूलों में बसकर सज रहे वृंदावन बिहारी.गाते ही श्रोता झूम पड़े। इस भजन के बहाने विनोद अग्रवाल ने भगवान कृष्ण की तमाम लीलाओं को नए कलेवर में पेश किया। आओ श्याम जी.और सांवरे घनश्याम की सुरमयी तान ने श्रोताओं को गदगद कर दिया। गायन के बीच-बीच में साज को थामते हुए वह प्रवचन का रंग भी भरते नजर आए। इसके बाद विनोद अग्रवाल ने भगवान शंकर की आराधना में भजनमाला पेश की। उन्होंने मेरा भोला पी भंग, और आज मोरे भोले की शादी है..गाकर शिव के तमाम स्वरूपों से परिचित कराया। उनके गायन में भगवान शिव का औघड़रूप भी झलका। इधर, दर्शकों ने अपनी पसंदीदा भजनों की फरमाइश कर दी, जबकि विनोद अग्रवाल उन्हें अपने हुनर के सागर में बहाते गए। तीन घंटों तक मंदिर कैंपस में बही सुरधारा भक्तिभाव को समर्पित रही। भजन संध्या में बड़ी संख्या में महिलाएं भी पहुंची।


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